पाठ – 4
जलवायु
In this post we have given the detailed notes of class 9 Social Science chapter 4 Climate in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 9 board exams.
इस पोस्ट में कक्षा 9 के सामाजिक विज्ञान के पाठ 4 जलवायु के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 9 में है एवं सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Social Science (Geography) |
Chapter no. | Chapter 4 |
Chapter Name | जलवायु (Climate) |
Category | Class 9 Social Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
पाठ 4 जलवायु
4.1 जलवायु और मौसम: क्या अंतर है?
क्या तुमने कभी सोचा है कि जलवायु और मौसम में क्या अंतर है? दोनों ही शब्द तापमान, हवा, बारिश, और नमी जैसी चीज़ों से जुड़े हैं, लेकिन इनमें एक बड़ा अंतर है।
मौसम किसी खास समय पर, जैसे आज, कल, या परसों, किसी जगह के वायुमंडल की हालत होती है। जैसे, आज दिल्ली में धूप खिली है और गर्मी है, तो यह आज का मौसम है। मौसम बहुत जल्दी बदल सकता है, सुबह धूप हो सकती है, दोपहर में बारिश हो सकती है, और शाम को ठंड हो सकती है।
जलवायु किसी बड़े क्षेत्र में लंबे समय तक (कम से कम 30 साल) के मौसम के पैटर्न को कहते हैं। जैसे, भारत की जलवायु मानसूनी है, यानी यहाँ साल में अलग-अलग समय पर अलग-अलग तरह की हवाएँ चलती हैं, जिससे गर्मी, सर्दी, बारिश और पतझड़ जैसे मौसम आते हैं। जलवायु लंबे समय तक एक जैसी रहती है, लेकिन इसमें धीरे-धीरे बदलाव भी आते रहते हैं।
4.2 भारत की जलवायु: मानसून का कमाल
भारत की जलवायु मानसूनी है, यह तो तुम जानते ही हो। लेकिन क्या तुम जानते हो कि मानसून क्या होता है? मानसून का मतलब है हवाओं की दिशा में बदलाव। गर्मियों में, भारत के ऊपर कम हवा का दबाव होता है, जिससे समुद्र से नमी वाली हवाएँ भारत की ओर खींची चली आती हैं। ये हवाएँ बारिश लाती हैं, और इसीलिए भारत में जून से सितंबर तक बारिश का मौसम होता है। सर्दियों में, ज़मीन ठंडी हो जाती है और हवा का दबाव बढ़ जाता है, जिससे हवाएँ ज़मीन से समुद्र की ओर बहती हैं। ये हवाएँ शुष्क होती हैं, इसलिए सर्दियों में बारिश कम होती है।
मानसून के कारण भारत में चार मुख्य ऋतुएँ होती हैं: गर्मी, सर्दी, बारिश और पतझड़।
4.3 जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक: कौन-कौन हैं ये?
किसी जगह की जलवायु कई चीजों से प्रभावित होती है, जैसे:
- अक्षांश: सूर्य से मिलने वाली गर्मी धरती पर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होती है, जिससे अलग-अलग तापमान वाले क्षेत्र बनते हैं। जैसे, ध्रुवों पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं, इसलिए वहाँ ठंड होती है, जबकि भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, इसलिए वहाँ गर्मी होती है।
- ऊँचाई: जैसे-जैसे हम ऊँचाई पर जाते हैं, हवा पतली होती जाती है और तापमान कम होता जाता है। इसलिए पहाड़ों पर ठंड होती है, चाहे गर्मी का मौसम ही क्यों न हो।
- हवा और दाब: हवाएँ गर्मी और नमी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती हैं, जिससे तापमान और बारिश प्रभावित होती है। वायुमंडलीय दाब भी हवाओं के बहाव को प्रभावित करता है।
- समुद्र से दूरी: समुद्र के पास के इलाकों में तापमान ज़्यादा नहीं बदलता, क्योंकि समुद्र का पानी धीरे-धीरे गर्म और ठंडा होता है। लेकिन ज़मीन के अंदरूनी हिस्सों में तापमान में ज़्यादा बदलाव होता है, क्योंकि ज़मीन जल्दी गर्म और ठंडी होती है।
- समुद्री धाराएँ: गर्म या ठंडी समुद्री धाराएँ तटीय इलाकों के तापमान को प्रभावित करती हैं। जैसे, गर्म समुद्री धाराएँ तटों को गर्म करती हैं, जबकि ठंडी समुद्री धाराएँ तटों को ठंडा करती हैं।
- भू-आकृतियाँ: पहाड़ हवाओं को रोक सकते हैं और बारिश करवा सकते हैं। जैसे, हिमालय पर्वत ठंडी हवाओं को भारत आने से रोकता है, और मानसून हवाओं को रोककर बारिश करवाता है।
4.4 भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक: हमारे देश का मौसम कैसे बनता है?
भारत की जलवायु को कई चीजें प्रभावित करती हैं, जैसे:
- अक्षांश: भारत का आधा हिस्सा कर्क रेखा के दक्षिण में है, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्र है, जहाँ साल भर गर्मी रहती है। भारत का दूसरा आधा हिस्सा उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है, जहाँ गर्मियाँ गर्म और सर्दियाँ ठंडी होती हैं।
- ऊँचाई: हिमालय पर्वत ठंडी हवाओं को भारत आने से रोकता है, जिससे भारत का मौसम ज़्यादा ठंडा नहीं होता।
- हवा और दाब: भारत में मानसून हवाओं के कारण ऋतुएँ बदलती हैं। गर्मियों में, दक्षिण-पश्चिम मानसून हवाएँ समुद्र से नमी लाती हैं और बारिश करवाती हैं। सर्दियों में, उत्तर-पूर्वी व्यापारिक हवाएँ ज़मीन से समुद्र की ओर बहती हैं और शुष्क मौसम लाती हैं।
- समुद्र से दूरी: तटीय इलाकों में तापमान ज़्यादा नहीं बदलता, क्योंकि समुद्र का पानी धीरे-धीरे गर्म और ठंडा होता है। लेकिन अंदरूनी हिस्सों में तापमान में ज़्यादा बदलाव होता है, क्योंकि ज़मीन जल्दी गर्म और ठंडी होती है।
4.5 भारत में ऋतुएँ: रंग-बिरंगा मौसम
शीत ऋतु (नवंबर से फरवरी):
- इस मौसम में, तापमान उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ता है। यानी, उत्तर भारत में ज़्यादा ठंड होती है और दक्षिण भारत में कम।
- दिन में धूप निकलती है और गर्मी होती है, लेकिन रातें ठंडी होती हैं।
- उत्तर भारत में, खासकर पहाड़ी इलाकों में, बर्फ गिरती है और पाला पड़ता है, जिससे बहुत ठंड होती है।
- इस मौसम में, उत्तर-पूर्वी व्यापारिक हवाएँ चलती हैं, जो ज़मीन से समुद्र की ओर बहती हैं। ये हवाएँ अपने साथ नमी नहीं लातीं, इसलिए इस मौसम में बारिश कम होती है और मौसम शुष्क रहता है।
- लेकिन, तमिलनाडु के तट पर कुछ बारिश होती है, क्योंकि वहाँ ये हवाएँ समुद्र से ज़मीन की ओर बहती हैं।
- कभी-कभी, भूमध्य सागर से पश्चिमी विक्षोभ नाम की हवाएँ आती हैं, जो उत्तर भारत में बारिश लाती हैं। इस बारिश को ‘महावट’ कहते हैं, जो गेहूँ जैसी फसलों के लिए बहुत ज़रूरी होती है।
ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मई):
- इस मौसम में, तापमान बढ़ने लगता है और उत्तर-पश्चिम भारत में बहुत ज़्यादा गर्मी पड़ती है।
- राजस्थान और गुजरात जैसे इलाकों में, लू चलती है, जो गर्म और शुष्क हवा होती है। लू चलने से बहुत गर्मी और उमस होती है, और कई बार तो यह खतरनाक भी हो सकती है।
- इस मौसम में, धूल भरी आँधियाँ भी आती हैं, जो थोड़ी देर के लिए गर्मी से राहत दिलाती हैं।
- कभी-कभी, तेज बारिश और ओले भी गिरते हैं, जिससे मौसम सुहाना हो जाता है।
- पश्चिम बंगाल में, ‘काल वैशाखी’ नाम की तेज आँधियाँ आती हैं, जो बहुत विनाशकारी हो सकती हैं।
- कर्नाटक और केरल में, ‘आम्र वर्षा’ होती है, जो आम के फलों को पकाने में मदद करती है।
वर्षा ऋतु (जून से सितंबर):
- इस मौसम में, दक्षिण-पश्चिम मानसून हवाएँ चलती हैं, जो समुद्र से नमी लाती हैं और पूरे भारत में बारिश करवाती हैं।
- पश्चिमी घाट पर सबसे ज़्यादा बारिश होती है, क्योंकि ये हवाएँ सबसे पहले पश्चिमी घाट से टकराती हैं।
- उत्तर-पूर्वी भारत में भी अच्छी बारिश होती है।
- मेघालय में मासिनराम नाम की जगह पर सबसे ज़्यादा बारिश होती है। यह दुनिया की सबसे ज़्यादा बारिश वाली जगहों में से एक है।
- ‘मानसून विराम’ के कारण बारिश में रुकावटें आती हैं। यानी, कुछ दिनों तक बारिश होती है, फिर कुछ दिनों तक नहीं होती।
- मानसून की अनिश्चितता के कारण कभी बाढ़ तो कभी सूखा पड़ता है। यानी, किसी साल बहुत ज़्यादा बारिश हो सकती है, तो किसी साल बहुत कम।
मानसून की वापसी (अक्टूबर से नवंबर):
- इस मौसम में, मानसून हवाएँ कमज़ोर हो जाती हैं और वापस लौट जाती हैं।
- तापमान कम होने लगता है और ठंड बढ़ने लगती है।
- ‘क्वार की उमस’ के कारण दिन में गर्मी और उमस होती है, क्योंकि ज़मीन अभी भी गीली होती है।
- बंगाल की खाड़ी में चक्रवात आते हैं, जो पूर्वी तट पर बारिश लाते हैं। ये चक्रवात कभी-कभी बहुत विनाशकारी भी हो सकते हैं।
4.6 वर्षा का वितरण: कहाँ कितनी बारिश होती है?
- भारत में, पश्चिमी घाट और उत्तर-पूर्वी भारत में सबसे ज़्यादा बारिश होती है, लगभग 400 सेंटीमीटर सालाना।
- पश्चिमी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में सबसे कम बारिश होती है, 60 सेंटीमीटर से भी कम सालाना।
- बारिश के वितरण में असमानता के कारण बाढ़ और सूखे जैसी समस्याएँ होती हैं।
4.7 मानसून – एकता का प्रतीक: सबको जोड़ता है मानसून
मानसून भारत की जलवायु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पूरे देश को एक सूत्र में बाँधता है। मानसून के कारण ही भारत में खेती होती है और जीवन चलता है। मानसून के आने का इंतज़ार हर कोई करता है, चाहे वह किसान हो, मछुआरा हो, या शहर में रहने वाला कोई आम आदमी।
मुख्य बातें:
- जलवायु और मौसम में अंतर होता है।
- भारत की जलवायु मानसूनी है, जिसके कारण यहाँ चार ऋतुएँ होती हैं।
- जलवायु कई कारकों से प्रभावित होती है, जैसे अक्षांश, ऊँचाई, हवा, दाब, समुद्र से दूरी, समुद्री धाराएँ, और भू-आकृतियाँ।
- मानसून भारत के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भारत के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरह की जलवायु के बारे में थोड़ा और जानें:
- पहाड़ी इलाके: हिमालय जैसे ऊँचे पहाड़ों में ठंडी जलवायु होती है। यहाँ गर्मियाँ छोटी और ठंडी होती हैं, और सर्दियाँ लंबी और बर्फीली।
- मैदानी इलाके: गंगा के मैदान जैसे इलाकों में गर्मी, सर्दी और बारिश, तीनों मौसम साफ दिखाई देते हैं। यहाँ गर्मियाँ गर्म और उमस भरी होती हैं, सर्दियाँ ठंडी होती हैं, और बारिश अच्छी होती है।
- रेगिस्तानी इलाके: राजस्थान के रेगिस्तान में बहुत गर्मी और कम बारिश होती है। यहाँ दिन में बहुत गर्मी होती है और रातें ठंडी।
- तटीय इलाके: समुद्र के किनारे के इलाकों में तापमान ज़्यादा नहीं बदलता, क्योंकि समुद्र का पानी धीरे-धीरे गर्म और ठंडा होता है। यहाँ गर्मियाँ ज़्यादा गर्म नहीं होतीं और सर्दियाँ ज़्यादा ठंडी नहीं।
- उत्तर-पूर्वी इलाके: असम और मेघालय जैसे इलाकों में बहुत बारिश होती है, खासकर मानसून के मौसम में। यहाँ की जलवायु नम और उमस भरी होती है।
तो देखा, भारत में कितने तरह की जलवायु है! हर इलाके का मौसम अलग है, और इसीलिए यहाँ के लोगों के रहन-सहन, खान-पान, और कपड़ों में भी बहुत विविधता है।
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