आलो-आँधारि (CH- 3) Detailed Summary || Class 11 Hindi वितान (CH- 3) ||

पाठ – 3

आलो-आँधारि

In this post we have given the detailed notes of class 11 Hindi chapter 3 आलो-आँधारि These notes are useful for the students who are going to appear in class 11 board exams

इस पोस्ट में क्लास 11 के हिंदी के पाठ 3 आलो-आँधारि के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं हिंदी विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectHindi (वितान)
Chapter no.Chapter 3
Chapter Nameआलो-आँधारि
CategoryClass 11 Hindi Notes
MediumHindi
Class 11 Hindi Chapter 3 आलो-आँधारि

Chapter – 3 आलो-आँधारि

– बेबी हालदार

सारांश

प्रस्तुत रचना लेखिका बेबी हालदार की आत्मकथा है| उन्होंने बहुत कम आयु में ही अपने परिवार की जिम्मेदारी अकेले ही सँभाल लिया था| वह अपने पति से अलग तीन बच्चों के साथ किराए के मकान में अकेले ही रहती थी| वह काम की तलाश में इधर-उधर भटकती रहती थी| किसी के घर में नौकरानी का भी मिलता तो मजदूरी बहुत कम होती थी| इस कारण महीने के अंत में किराए की चिंता लगी रहती थी| आस-पास के लोग भी उससे तरह-तरह के सवाल पूछते थे कि वह अपने पति के साथ क्यों नहीं रहती| काम से देर से लौटने पर मकान-मालिक भी सवाल करता कि वह कौन-सा काम करती है| सुनील नाम के युवक की मदद से उसे एक घर में नौकरी मिल गई| वहाँ के मालिक एक सज्जन व्यक्ति थे| लेखिका को वह अपनी बेटी की तरह मानते थे| प्यार से लेखिका उन्हें तातुश कहती थीं|

तातुश को जब यह पता चला कि लेखिका को पढ़ने-लिखने का शौक है तो वे उसे पढ़ने के लिए उत्साहित करने लगे| उन्होंने लेखिका को कुछ किताबें दीं और समय निकाल कर पढ़ने के लिए कहा| उन्होंने लेखिका को अपनी जीवन-कहानी भी लिखने के लिए प्रेरित किया| लेखिका को किराए के घर में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था| वहाँ पानी और बाथरूम की असुविधा थी| किसी-किसी दिन उसे घर पहुँचने में देर हो जाती तो मकान-मालिक की पत्नी हजारों सवाल करती कि जब उसका पति नहीं है तो किसके साथ घूमती रहती है| आस-पास के लोग भी कानाफूसी करते रहते कि यह औरत अकेली ही अपने बच्चों के साथ क्यों रहती है| इसका पति साथ क्यों नहीं रहता है| लेखिका को अकेली देखकर कुछ लोग छेड़खानी करना चाहते और कुछ तो घर में जबरदस्ती घुस आते| तातुश के घर जाते ही लेखिका इन बातों को भूल जाती थी क्योंकि वे लेखिका से उसकी पढ़ाई के बारे में पूछते| तातुश अपने मित्रों को लेखिका की पढ़ाई-लिखाई के बारे में बताते रहते थे|

एक दिन लेखिका ने काम से वापस आने पर अपने घर को टूटा हुआ पाया| इस मुसीबत में उनके दोनों भाइयों ने पास रहते हुए भी कोई सहायता नहीं की| तातुश को जब यह बात पता चली तो उन्होंने अपने घर का एक कमरा लेखिका के लिए खाली करवा दिया| तातुश उसका और उसके बच्चों का बहुत ख्याल रखते थे| तातुश ने उसके बेटे का भी पता लगा लिया और उसे बेबी से मिलवाया| लेखिका तातुश को अपने पिता के समान मानती थी| तातुश ने लेखिका के द्वारा लिखे गए लेख अपने मित्रों को भी दिखाया| वे और उनके मित्र हमेशा लेखिका को लिखने के लिए प्रोत्साहित करते थे| तातुश के एक मित्र ने लेखिका से उसकी कहानी को एक मोड़ तक पहुँचाने के लिए चिट्ठी लिखी ताकि उसकी रचना को किसी पत्रिका में छापा जा सके| तातुश के एक मित्र जिसे लेखिका जेठू कहती थी, लेखन के लिए बहुत प्रोत्साहित करते थे| उन्होंने आशापूर्णा देवी का उदाहरण देकर लेखिका का हौसला बढ़ाया| लेखिका चिट्ठियों के माध्यम से तातुश के मित्रों के साथ संपर्क में रहने लगी| उसके लिखे रचनाओं को लोग पसंद करने लगे| तातुश के कारण लेखिका की जीवन दिशा ही बदल गई| आखिरकार वह दिन भी आया जब लेखिका की लिखी रचना पत्रिका में छप गई| पत्रिका में उनकी रचना का शीर्षक था आलो-आँधारि, बेबी हालदार| लेखिका अत्यंत प्रसन्न हुई और तातुश के प्रति उनका मन कृतज्ञता से भर गया| उसने तातुश के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया|

We hope that class 11 Hindi Chapter 3 आलो-आँधारि notes in Hindi helped you. If you have any query about class 11 Hindi Chapter 3 आलो-आँधारि notes in Hindi or about any other notes of class 11 Hindi Notes, so you can comment below. We will reach you as soon as possible…

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