जनसंख्या संघटन (CH-3) Notes in Hindi || Class 12 Geography Chapter 3 in Hindi ||

पाठ – 3

जनसंख्या संघटन

In this post we have given the detailed notes of class 12 Geography Chapter 3 Jansankhyan Sanghatan (Population Composition) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams.

इस पोस्ट में क्लास 12 के भूगोल के पाठ 3 जनसंख्या संघटन (Population Composition) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं भूगोल विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectGeography
Chapter no.Chapter 3
Chapter Nameजनसंख्या संघटन (Population Composition)
CategoryClass 12 Geography Notes in Hindi
MediumHindi
Class 12 Geography Chapter 3 Jansankhyan sanghatan in Hindi
Class 12th (Geography) Ch 3 (Jansankhyan sanghatan) in Hindi | Latest Syllabus 2021 | जनसंख्या संघटन
Class 12th (Geography) Ch 3 (Jansankhyan sanghatan) in Hindi | Latest Syllabus 2021 | जनसंख्या संघटन

जनसंख्या संघटन

जनसंख्या संघटन: – जनसंख्या संघटन का अभिप्राय एक देश की जनसंख्या का उसकी विशेषताओं जैसे कि आयु लिंग व्यवसाय आदि के आधार पर वर्णन करना जनसंख्या संघटन कह लाता है

लिंग अनुपात

जनसंख्या में स्त्री और पुरुषों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंग अनुपात कहा जाता है

विश्व में लिंग अनुपात नापने के लिए सूत्र

सूत्र :- 

Formula to Calculate World Sex Ratio

 

भारत में लिंग अनुपात मापने का सूत्र

सूत्र :-

Formula of India sex ratio

जब किसी देश में लिंग अनुपात कम हो यानि पुरुषों के अनुपात में स्त्रियों की संख्या कम हो तो ऐसी स्थिति को स्त्री प्रतिकूल लिंग अनुपात कहा जाता है

स्त्री प्रतिकूल लिंग अनुपात

ऐसा अनेकों कारणों की वजह से हो सकता है

  • भ्रूण हत्या
  • निम्न सामाजिक स्तर
  • घरेलू हिंसा
  • शिक्षा की अनुपलब्धता
  • पुरुषों का प्रभाव

नोट :- विश्व में सबसे ज्यादा लिंगानुपात वाला देश एवं सबसे कम लिंगानुपात वाला देश यूएई है

आयु संरचना

  • आयु संरचना विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या दर्शाती है
  • यह हमें विभिन्न आयु वर्गों के अंदर देश में मौजूद लोगों की संख्या जानने में मदद करती है
  • इसमें मुख्य रूप से तीन वर्गों में बांटा जाता है
  • 0 से 15

    • यह आश्रित जनसंख्या है इसमें बच्चे शामिल होते हैं
    • क्योंकि इस उम्र के अंदर बच्चे विकास के दौर में होते हैं एवं शिक्षा प्राप्त करने में व्यस्त होते हैं इसीलिए इन्हें आश्रित कहा जाता है क्योंकि यह कार्यरत नहीं होते
    • इस वर्ग में जनसंख्या ज्यादा होने पर देश में शिक्षा सुविधाओं के खर्चे में वृद्धि होती है
  • 15 से 59

    • यह वर्ग कार्यरत जनसंख्या को दर्शाता है
    • इस वर्ग के अंदर मौजूद लगभग सभी व्यक्ति कार्यरत होते हैं एवं देश के विकास में सहयोग करते
  • 60 वर्ष से अधिक

    • इस वर्ग में जनसंख्या ज्यादा होने पर देश में विकास की गति में वृद्धि होती है
    • इसमें मुख्य रूप से वृद्ध जन संख्या होती है
    • ऐसी जनसंख्या अधिक होने की स्थिति में देश में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पेंशन आदि का खर्चा बढ़ता है
    • इसे भी आश्रित जनसंख्या कहा जाता है

आबादी

आयु– वर्ग

1961

1971

1981

1991

2001

2011

0-14

41

41.2

39.5

37.7

34.3

30.2

15-64

56

55.5

57

58.4

61.4

64.8

65 और उपर

3

3.3

3.5

3.9

4.3

5

आयु लिंग पिरामिड

  • आयु लिंग पिरामिड लिंग एवं आयु के आधार पर जनसंख्या की विशेषताओं को दर्शाता है
  • विस्तारित होती जनसंख्या

    • इसका आकार त्रिभुज आकार होता है
    • जन्म दर ज्यादा होने की वजह से कम आयु में जनसंख्या ज्यादा होती है मृत्यु दर ज्यादा होने की वजह से उच्च आयु में जनसंख्या कम होती
    • जीवन प्रत्याशा कम होती है
    • यह पिरामिड अल्प विकसित देशों को दर्शाता है
    • वर्तमान में ऐसी जनसंख्या रचना नाइजीरिया बांग्लादेश एवं मेक्सिको की है
  • स्थिर जनसंख्या

    • यह पिरामिड घंटी के आकार का होता है
    • जन्म दर एवं मृत्यु दर लगभग समान होती हैजनसंख्या स्थिर होती है
    • जीवन प्रत्याशा सामान्य होती है
    • यह जनसंख्या संरचना ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती है
  • ह्रासमान जनसंख्या

    • इस पिरामिड का संकीर्ण आधार और शीर्ष शंङ्कार होता हैं
    • यहाँ निम्न मृत्यु दर और निम्न जन्म दर को दिखता हैं
    • यहाँ पिरामिड शून्य जनसख्याँ वृद्धि और ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि को दर्शाता हैं
    • वर्तमान में ऐसी जनसंख्या रचना जापान की है

ग्रामीण एवं नगरीय संरचना

  • ग्रामीण नगरीय संगठन एक देश के अंदर गांव एवं शहरों में रहने वाली जनसंख्या को प्रदर्शित करता है
  • इसका मूल्यांकन रहने के स्थान के आधार पर किया जाता है
  • गांव में मुख्य रूप से जनसंख्या घनत्व कम होता है एवं लोग कृषि कार्यों में लगे होते हैं
  • इसी के विपरीत शहरों के अंदर जनसंख्या घनत्व ज्यादा होता है
  • एवं लोग मुख्य रूप से उत्पादन एवं सेवाओं में कार्यरत होते हैं
  • ग्रामीण एवं नगरीय संरचना के आधार पर हम एक देश के विकास के स्तर एवं वहां पर उपलब्ध सुविधाओं का मूल्यांकन कर सकते हैं

साक्षरता

  • साक्षर साक्षर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो अपने रोजमर्रा के जीवन में एक सामान्य सरल वाक्य को समझ, पढ़ एवं लिख सके
  • साक्षरता दर के आधार पर देश की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का पता चलता है
  • अधिक साक्षरता दर का अभिप्राय उच्च सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति है जबकि इसका विपरीत निम्न साक्षरता दर निम्न सामाजिक और आर्थिक स्थिति को दिखाता है
  • इससे ही सरकार की नीतियों एवं सुविधाओं का ज्ञान भी होता है
  • भारत के अंदर 7 वर्ष से अधिक आयु वाले ऐसे व्यक्ति को साक्षर माना जाता है जो पढ़ लिख सके एवं अंकगणितीय परिकलन कर सके

व्यावसायिक संरचना

  • प्राथमिक क्षेत्र कृषि मत्स्य पालन पशु पालन आदि
  • द्वितीय क्षेत्र उत्पादन खनन आदि
  • तृतीय क्षेत्र सेवाएं
  • चतुर्थ क्षेत्र अनुसंधान वैचारिक विकास सूचना प्रौद्योगिकी आदि
  • विदेश में कार्यरत जनसंख्या का अधिकांश भाग जिस क्षेत्र में कार्यरत होता है उसके अनुसार हम क्षेत्र की आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगा सकते
  • प्राथमिक क्षेत्र में कार्यरत जनसंख्या देश में विकास के निचले स्तर को दर्शाती है
  • द्वितीय क्षेत्र में कार्यरत जनसंख्या बढ़ती हुई उत्पादन क्षमता को दर्शाती है
  • तृतीय क्षेत्र में कार्यरत जनसंख्या देश में सेवाओं के स्तर को दर्शाती है
  • चतुर्थ क्षेत्र के अंदर कार्यरत जनसंख्या देश में विकास और विचारों की वृद्धि को दर्शाती है

 

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