पाठ – 2
भारत का भौतिक स्वरूप
In this post we have given the detailed notes of class 9 Social Science chapter 2 Physical Features of India in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 9 board exams.
इस पोस्ट में कक्षा 9 के सामाजिक विज्ञान के पाठ 2 भारत का भौतिक स्वरूप के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 9 में है एवं सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Social Science (Geography) |
Chapter no. | Chapter 2 |
Chapter Name | भारत का भौतिक स्वरूप (Physical Features of India) |
Category | Class 9 Social Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
पाठ 2 भारत का भौतिक स्वरूप
भारत का भूगोल विविधतापूर्ण है:
भारत एक विशाल देश है जहाँ विभिन्न प्रकार की भौगोलिक आकृतियाँ पाई जाती हैं। यहाँ ऊँचे-ऊँचे पर्वत, विशाल मैदान, गर्म मरुस्थल, ऊँचे पठार और खूबसूरत द्वीप समूह हैं। यह विविधता भारत को एक अनोखा और आकर्षक देश बनाती है।
भौगोलिक विभाजन:
भारत को 6 प्रमुख भौगोलिक विभागों में बाँटा जा सकता है:
- हिमालय पर्वत श्रृंखला: यह भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित है और विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है।
- उत्तरी मैदान: यह हिमालय के दक्षिण में स्थित है और सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा बनाया गया है।
- प्रायद्वीपीय पठार: यह भारत का सबसे पुराना भूभाग है और नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है।
- भारतीय मरुस्थल: यह अरावली पहाड़ी के पश्चिम में स्थित है और थार का मरुस्थल कहलाता है।
- तटीय मैदान: यह पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट के साथ स्थित है।
- द्वीप समूह: भारत में दो द्वीप समूह हैं: लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह।
हिमालय पर्वत:
- विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला: हिमालय पर्वत दुनिया की सबसे ऊँची पर्वत श्रृंखला है, जहाँ माउंट एवरेस्ट सहित कई ऊँची चोटियाँ हैं।
- तीन भाग: हिमालय को तीन भागों में बाँटा गया है:
- महान हिमालय (हिमाद्रि): यह सबसे ऊँची और सबसे सतत श्रृंखला है, जिसमें 6,000 मीटर से अधिक ऊँची चोटियाँ हैं। यहाँ बर्फ हमेशा जमी रहती है और कई हिमनदियाँ हैं।
- मध्य हिमालय (हिमाचल): यह हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित है और इसमें कई घाटियाँ और पहाड़ी नगर हैं।
- शिवालिक: यह हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला है और नदियों द्वारा लाई गई मिट्टी से बनी है।
- नदियों का स्रोत: हिमालय से कई नदियाँ निकलती हैं, जो भारत के मैदानी इलाकों को सिंचित करती हैं।
- जलवायु पर प्रभाव: हिमालय ठंडी हवाओं को रोककर भारत की जलवायु को प्रभावित करता है। [
उत्तरी मैदान:
- नदियों द्वारा निर्मित: उत्तरी मैदान सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा बनाया गया है।
- उपजाऊ मिट्टी: यह जलोढ़ मिट्टी से बना है, जो बहुत उपजाऊ है।
- घनी आबादी: यह भारत का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है।
- तीन भाग: उत्तरी मैदान को तीन भागों में बाँटा गया है:
- पंजाब का मैदान: यह सिंधु और उसकी सहायक नदियों द्वारा बनाया गया है।
- गंगा का मैदान: यह गंगा और उसकी सहायक नदियों द्वारा बनाया गया है।
- ब्रह्मपुत्र का मैदान: यह ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा बनाया गया है।
- विभिन्न आकृतियाँ: उत्तरी मैदान में भाबर, तराई, भांगर और खादर जैसी विभिन्न आकृतियाँ हैं।
- भाबर: शिवालिक की ढाल पर नदियों द्वारा बहाकर लाई गई बजरी से बना क्षेत्र।
- तराई: भाबर के दक्षिण में स्थित नम और दलदली क्षेत्र।
- भांगर: पुराने जलोढ़ से बना ऊँचा क्षेत्र।
- खादर: नये जलोढ़ से बना निचला क्षेत्र, जो बहुत उपजाऊ है।
प्रायद्वीपीय पठार:
- प्राचीन भूभाग: यह भारत का सबसे पुराना भूभाग है।
- त्रिभुजाकार आकार: यह त्रिभुजाकार है और नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है।
- चट्टानें: यह आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों से बना है।
- दो भाग: प्रायद्वीपीय पठार को दो भागों में बाँटा गया है:
- मध्य उच्चभूमि: यह नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है।
- दक्कन का पठार: यह नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है।
- पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट: ये पठार के किनारों पर स्थित हैं।
- पश्चिमी घाट: यह पश्चिमी तट के समानांतर स्थित है और सतत है।
- पूर्वी घाट: यह पूर्वी तट के समानांतर स्थित है और असतत है।
- खनिज संसाधन: प्रायद्वीपीय पठार खनिज संसाधनों से समृद्ध है।
भारतीय मरुस्थल:
- स्थिति: यह अरावली पहाड़ी के पश्चिम में स्थित है।
- नाम: इसे थार का मरुस्थल भी कहा जाता है।
- भौगोलिक विशेषताएँ: यह बालू के टीलों से ढका है और यहाँ बहुत कम वर्षा होती है।
- नदियाँ: लूनी नदी इस क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी है।
तटीय मैदान:
- स्थिति: यह पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट के साथ स्थित है।
- दो भाग: तटीय मैदान को दो भागों में बाँटा गया है:
- पश्चिमी तट: यह संकीर्ण है और इसके तीन भाग हैं: कोंकण, कन्नड और मालाबार।
- पूर्वी तट: यह चौड़ा है और इसके दो भाग हैं: उत्तरी सरकार और कोरोमंडल।
- महत्व: यह मछली पकड़ने और बंदरगाहों के लिए महत्वपूर्ण है।
द्वीप समूह:
- दो समूह: भारत में दो द्वीप समूह हैं:
- लक्षद्वीप: यह अरब सागर में स्थित है और यह प्रवाल द्वीपों से बना है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
- जैव विविधता: ये द्वीप समूह जैव विविधता से समृद्ध हैं।
अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु:
- दोआब: दो नदियों के बीच की भूमि को दोआब कहा जाता है, जैसे कि गंगा-यमुना दोआब।
- पंजाब: पंजाब का अर्थ है “पाँच नदियों की भूमि”।
- चिल्का झील: यह भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
- बैरेन द्वीप: यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
अतिरिक्त जानकारी:
- भाबर: शिवालिक की ढाल पर नदियों द्वारा बहाकर लाई गई बजरी से बना क्षेत्र।
- तराई: भाबर के दक्षिण में स्थित नम और दलदली क्षेत्र।
- कंकड़: भांगर मिट्टी में पाए जाने वाले चूनेदार निक्षेप।
- दक्कन ट्रैप: ज्वालामुखी से बनी काली मिट्टी।
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