Unit – 7
In this post we have given the detailed notes of CUET Physical Education Unit 7 in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in CUET 2027 exams.
इस पोस्ट में हमने CUET शारीरिक शिक्षा यूनिट 7 के विस्तृत नोट्स हिंदी में दिए हैं। ये नोट्स उन छात्रों के लिए उपयोगी हैं जो CUET 2027 परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं।
Exam | CUET |
Subject | Physical Education |
Unit no. | 7 |
Chapter Name | कौशल-संबंधी शारीरिक फिटनेस |
Category | CUET Physcial Education Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
कौशल-संबंधी शारीरिक फिटनेस
शक्ति (Strength)
परिभाषा: शक्ति मांसपेशियों की वह क्षमता है जो किसी प्रतिरोध को हटाने, उठाने या नियंत्रित करने में मदद करती है। यह खेल और दैनिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण है।
मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने के तरीके
- वजन प्रशिक्षण (Weight Training):
- उपकरण: डंबल, बारबेल, रेजिस्टेंस बैंड, और बॉडीवेट व्यायाम।
- व्यायाम: स्क्वाट्स, डेडलिफ्ट, बेंच प्रेस, पुश-अप्स, और प्लैंक।
- सेट और दोहराव: शुरुआती स्तर पर 2-3 सेट में 8-12 दोहराव, मध्यम वजन के साथ।
- प्रगति: धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं (प्रोग्रेसिव ओवरलोड)।
- बॉडीवेट व्यायाम:
- पुश-अप्स, पुल-अप्स, और डिप्स जैसे व्यायाम जो बिना उपकरण के किए जा सकते हैं।
- इनका लाभ यह है कि ये कहीं भी किए जा सकते हैं।
- रेजिस्टेंस बैंड प्रशिक्षण:
- मांसपेशियों पर लगातार तनाव बनाए रखने के लिए उपयुक्त।
- उदाहरण: बैंड स्क्वाट्स, बैंड रो।
- आइसोमेट्रिक व्यायाम:
- मांसपेशियों को बिना हिलाए तनाव देना, जैसे दीवार के खिलाफ पुश करना या प्लैंक।
- स्थिर शक्ति बढ़ाने में सहायक।
महत्वपूर्ण बिंदु
- वार्म-अप और स्ट्रेचिंग: चोट से बचने के लिए प्रशिक्षण से पहले 5-10 मिनट का वार्म-अप और स्ट्रेचिंग करें।
- विश्राम: मांसपेशियों की रिकवरी के लिए प्रत्येक सत्र के बीच 48 घंटे का अंतर रखें।
- पोषण: प्रोटीन युक्त आहार (जैसे अंडे, दाल, चिकन) मांसपेशियों की मरम्मत और वृद्धि में मदद करता है।
- सावधानियां: गलत तकनीक से चोट लग सकती है; शुरुआत में कोच की देखरेख में प्रशिक्षण लें।
गति (Speed)
परिभाषा: गति वह क्षमता है जो किसी व्यक्ति को कम समय में अधिक दूरी तय करने या तेजी से गति करने में सक्षम बनाती है। यह विशेष रूप से स्प्रिंटिंग और अन्य तेज गतिविधियों में महत्वपूर्ण है।
गति बढ़ाने के तरीके
- स्प्रिंट प्रशिक्षण (Sprint Training):
- 30-50 मीटर स्प्रिंट: अधिकतम गति से छोटी दूरी की दौड़।
- इंटरवल प्रशिक्षण: 30 सेकंड की तेज दौड़, फिर 1 मिनट की धीमी चाल (4-6 दोहराव)।
- पहाड़ी दौड़ (Hill Sprints): ढलान पर दौड़ने से मांसपेशियों की ताकत और गति बढ़ती है।
- प्लायोमेट्रिक व्यायाम:
- उदाहरण: बॉक्स जंप, बाउंडिंग, और स्किपिंग।
- ये व्यायाम मांसपेशियों की विस्फोटक शक्ति (Explosive Power) को बढ़ाते हैं।
- तकनीक सुधार:
- सही दौड़ मुद्रा: सिर सीधा, कंधे ढीले, और हाथ 90 डिग्री पर।
- स्ट्राइड लंबाई और आवृत्ति: लंबे और तेज कदम गति को बढ़ाते हैं।
- शक्ति प्रशिक्षण:
- निचले शरीर की मांसपेशियों (जैसे क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग) को मजबूत करने के लिए स्क्वाट्स और लंजेस।
महत्वपूर्ण बिंदु
- वार्म-अप: गति प्रशिक्षण से पहले गतिशील स्ट्रेचिंग (जैसे हाई नीज, बट किक्स) करें।
- रिकवरी: गति प्रशिक्षण के बीच पर्याप्त विश्राम (2-3 मिनट) लें।
- जूते: उचित रनिंग शूज चोट से बचाते हैं और प्रदर्शन बढ़ाते हैं।
- खेलों में गति: एथलेटिक्स, फुटबॉल, और बास्केटबॉल जैसे खेलों में गति महत्वपूर्ण है।
चपलता (Agility)
परिभाषा: चपलता वह क्षमता है जो किसी व्यक्ति को तेजी से दिशा बदलने, गति को नियंत्रित करने, और शरीर की स्थिति को समायोजित करने में सक्षम बनाती है।
चपलता बढ़ाने के तरीके
- शटल रन (Shuttle Run):
- 10 मीटर की दूरी पर दो बिंदुओं के बीच तेजी से दौड़ना और दिशा बदलना।
- समय को मापें और धीरे-धीरे गति बढ़ाएं।
- लैडर ड्रिल्स:
- जमीन पर रखे लैडर में विभिन्न पैटर्न (जैसे इन-एंड-आउट, साइड स्टेप) के साथ अभ्यास।
- पैरों की गति और समन्वय को बढ़ाता है।
- कोन ड्रिल्स:
- शंकु (Cones) को विभिन्न पैटर्न में रखकर उनके बीच तेजी से दौड़ना।
- उदाहरण: T-ड्रिल, L-ड्रिल।
- प्लायोमेट्रिक और रिएक्शन ड्रिल्स:
- सिंगल-लेग हॉप्स, लेटरल जंप्स, और पार्टनर के साथ रिएक्शन-बेस्ड ड्रिल्स।
- त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय को बढ़ाते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- समन्वय: चपलता में मस्तिष्क और मांसपेशियों का समन्वय महत्वपूर्ण है।
- खेलों में चपलता: बास्केटबॉल, टेनिस, और बैडमिंटन जैसे खेलों में चपलता आवश्यक है।
- सुरक्षा: उचित जूते और समतल सतह पर अभ्यास करें।
- प्रगति: ड्रिल्स की जटिलता और गति को धीरे-धीरे बढ़ाएं।
संतुलन (Balance)
परिभाषा: संतुलन वह क्षमता है जो किसी व्यक्ति को स्थिरता बनाए रखने और गुरुत्वाकर्षण केंद्र को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह स्थिर (Static) और गतिशील (Dynamic) दोनों हो सकता है।
संतुलन बढ़ाने के तरीके
- स्थिर संतुलन व्यायाम:
- एक पैर पर खड़े होना: 30-60 सेकंड तक एक पैर पर खड़े रहें, फिर पैर बदलें।
- बैलेंस बोर्ड: बोर्ड पर संतुलन बनाए रखने का अभ्यास।
- आंखें बंद करके संतुलन: आंखें बंद करके एक पैर पर खड़े होने से प्रोप्रियोसेप्शन बढ़ता है।
- गतिशील संतुलन व्यायाम:
- हील-टू-टो वॉक: एक सीधी रेखा में एड़ी को पैर की उंगलियों से छूते हुए चलना।
- लंजेस: चलते समय संतुलन बनाए रखने के लिए लंजेस।
- योग और पिलेट्स:
- आसन: वृक्षासन (Tree Pose), योद्धा आसन (Warrior Pose)।
- कोर मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और संतुलन बढ़ाते हैं।
- कोर प्रशिक्षण:
- प्लैंक, साइड प्लैंक, और रशियन ट्विस्ट जैसे व्यायाम कोर को मजबूत करते हैं, जो संतुलन के लिए आवश्यक है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- प्रोप्रियोसेप्शन: शरीर की स्थिति और गति को समझने की क्षमता, जो संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है।
- खेलों में संतुलन: जिमनास्टिक, स्केटिंग, और सर्फिंग में संतुलन महत्वपूर्ण है।
- सुरक्षा: असमान सतहों पर सावधानी बरतें; शुरुआत में सहारे का उपयोग करें।
- प्रगति: समय और जटिलता को धीरे-धीरे बढ़ाएं।
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