पाठ – 4
द्विघात समीकरण
In this post we have given the detailed notes of class 10 Math chapter 4 Quadratic Equations in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 10 board exams.
इस पोस्ट में कक्षा 10 के गणित के पाठ 4 द्विघात समीकरण के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 10 में है एवं गणित विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board, CGBSE Board, MPBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 10 |
Subject | Math |
Chapter no. | Chapter 4 |
Chapter Name | द्विघात समीकरण (Quadratic Equations) |
Category | Class 10 Math Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
पाठ 4 द्विघात समीकरण
द्विघात समीकरण क्या है?
एक द्विघात समीकरण में, एक चर, वर्ग में होता है। इस प्रकार के समीकरण को “घात 2 का समीकरण” भी कहा जाता है। बीजीय व्यंजक ax² + bx + c = 0, (जहाँ a ≠ 0 और a, b, c वास्तविक संख्याएं हों) के रूप में होने वाले समीकरण द्विघात समीकरण कहा जाता है।
द्विघात समीकरण के मूल
किसी भी द्विघात समीकरण ax² + bx + c = 0, के अधिकतम 2 मूल हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए समीकरण 2x² -3x + 1 = 0 को लेते हैं और इसके मूल ज्ञात करते हैं। समीकरण के गुणनखंड प्राप्त करने के लिए मध्य पद विभाजन के सिद्धांत को अपनाते हैं।
समीकरण 2x² -3x + 1= 0 को इस प्रकार से लिख सकते हैं:
2x² -2x – x + 1 = 0
2x(x – 1) -1(x – 1) = 0
या (x – 1)(2x – 1) = 0
अतः x = 1, ½
इस प्रकार हम कह सकते है कि x = 1, ½ समीकरण 2x² -3x + 1 = 0 के मूल हैं।
द्विघात समीकरणों को हल करने की विधियाँ
द्विघात समीकरणों को हल करने के लिए निम्नलिखित दो विधियों का प्रयोग करते हैं:
गुणनखंड विधि
इस विधि में मध्य पद को इस प्रकार से विभाजित करते हैं कि विभाजित भागों का योग मध्य पद के बराबर हो और दोनों पदों का गुणनफल पहली और तीसरे पद के गुणनफल के बराबर हो।
पूर्ण वर्ग विधि
जब हम एक द्विघात समीकरण जो कि ax² + bx + c के रूप में होता है उसे हम जब a(x + h)² + k के रूप में बदल देते हैं तब इस विधि को पूर्ण वर्ग बनाना कहते हैं।
अभ्यास के लिए प्रश्न
जॉन और जीवंती दोनों के पास कुल मिलाकर 45 कंचे हैं। दोनों पाँच-पाँच कंचे खो देते हैं और अब उनके पास कंचों की संख्या का गुणनफल 124 है। हम जानना चाहेंगे कि आरंभ में उनके पास कितने-कितने कंचे थे।
उपरोक्त प्रश्न का उत्तर
माना आरम्भ में जॉन के पास x कंचे हैं और जीवंती के पास y कंचे हैं।
प्रश्नानुसार दोनों के पास के कंचों का कुल योग 45 है अर्थात्
x + y = 45 (1)
प्रश्न कि दूसरी शर्त के अनुसार दोनों पाँच-पाँच कंचे खो देते हैं तो दोनों के बचे हुए कंचो का गुणनफल 124 है अर्थात्
(x – 5) × (y – 5) = 124 या xy -5(x + y) + 25 = 124, समीकरण 1 से x + y का मान रखने पर
या xy = 324 (2)
समीकरण 1 से y = 45 – x समीकरण 2 में रखने पर
x(45 – x) = 324
या x² -45x + 324 = 0 इस समीकरण को इस प्रका लिख सकते हैं
x² -36x – 9x + 324 = 0
x (x – 36) – 9 (x – 36) = 0
इस प्रकार (x – 36) और (x – 9) दो गुणनखंड प्राप्त होते हैं
इसके अनुसार x = 36, 9
x का मान समीकरण 1 में रखकर y = 9, 36 मिलता है
इस प्रकार मान सकते है कि अगर x का मान 36 है तो y का मान 9 होगा और अगर x का मान 9 है तो y का मान 36 होगा।
गुणनखंडों द्वारा द्विघात समीकरण का हल
द्विघात समीकरण 2x² – 3x + 1 = 0 पर विचार कीजिए। यदि हम इस समीकरण के बाएँ पक्ष में x को 1 से प्रतिस्थापित करें, तो हमें प्राप्त होता हैः (2 × 12) – (3 × 1) + 1 = 0 = समीकरण का दाँया पक्ष। हम कहते हैं कि 1 द्विघात समीकरण 2x² – 3x + 1 = 0 का एक मूल है। इसका यह भी अर्थ है कि 1 द्विघात बहुपद 2x² – 3x + 1 का एक शून्यक है।
गुणनखंड और द्विघात समीकरण का व्यापक रूप
व्यापक रूप में, एक वास्तविक संख्या α द्विघात समीकरण ax² + bx + c = 0, a ≠ 0 का एक मूल कहलाता है, यदि aα ² + bα + c = 0 हो। हम यह भी कहते हैं कि x = α द्विघात समीकरण का एक हल है अथवा α द्विघात समीकरण को संतुष्ट करता है। ध्यान दीजिए कि द्विघात बहुपद ax² + bx + c के शून्यक और द्विघात समीकरण ax² + bx + c = 0 के मूल एक ही हैं।
नोट: अतः, किसी द्विघात समीकरण के अधिक से अधिक दो मूल हो सकते हैं।
मध्य पद को विभक्त करके एक द्विघात बहुपद के गुणनखंड प्राप्त करना
मध्य पद को विभक्त करके एक द्विघात बहुपद के गुणनखंड किए जा सकते हैं। हम इस ज्ञान का प्रयोग द्विघात समीकरण के मूल ज्ञात करने में करेंगे। एक उदाहरण के माध्यम से इसे समझाने का प्रयास करते हैं:
गुणनखंडन के लिए उदाहरण
गुणनखंडन द्वारा समीकरण 2x² – 5x + 3 = 0 के मूल ज्ञात कीजिए।
उपरोक्त प्रश्न का हल
सर्वप्रथम हम मध्यपद -5x को –2x –3x [क्योंकि (–2x) × (–3x) = 6x² = (2×2) × 3] के रूप में विभक्त करते हैं।
अतः 2x² – 5x + 3 = 2x² – 2x – 3x + 3 = 2x (x – 1) –3(x – 1) = (2x – 3)(x – 1)
इसलिए, 2x² – 5x + 3 को (2x – 3)(x – 1) के रूप में पुनः लिखा जा सकता है।
अतः x के वे मान जिनके लिए 2x² – 5x + 3 = 0 वही हैं जो (2x – 3)(x – 1) से प्राप्त होंगे।
अब 2x – 3 = 0 या x = 3/2 और x – 1 = 0 या x = 1 देता है।
अतः x = 3/2 और x = 1 दिए हुए समीकरण के हल हैं।
दुसरे शब्दों में 3/2 और 1 समीकरण 2x² – 5x + 3 के मूल हैं।
उपरोक्त प्रश्न की समीक्षा
ध्यान दीजिए कि हमने समीकरण 2x² – 5x + 3 = 0 के मूलों को 2x² – 5x + 3 के दो रैखिक गुणनखंडों में गुणनखंडित करके और प्रत्येक गुणनखंड को शून्य के बराबर रखकर प्राप्त किए हैं।
द्विघात समीकरण का पूर्ण वर्ग बनाकर हल
इस विधि को समझने के लिए हम एक उदाहरण का सहारा लेते हैं:
सुनीता की दो वर्ष पूर्व आयु (वर्षों में) तथा अब से चार वर्ष उपरांत की आयु का गुणनफल उसकी वर्तमान आयु के दो गुने से एक अधिक है। उसकी वर्तमान आयु क्या है?
पूर्ण वर्ग बनाकर हल करने की विधि
इसका उत्तर देने के लिए, माना उसकी वर्तमान आयु (वर्षों में) x है। तब, उसकी 2 वर्ष पूर्व आयु एवं अब से चार वर्ष उपरांत की आयु का गुणनफल (x – 2)(x + 4) है।
इसलिए, (x – 2)(x + 4) = 2x + 1
अर्थात् x² + 2x – 8 = 2x + 1
अर्थात् x² – 9 = 0
अतः सुनीता की वर्तमान आयु द्विघात समीकरण x² – 9 = 0 को संतुष्ट करती है।
हम इसे x² = 9 के रूप में लिख सकते हैं। वर्गमूल लेने पर, हम x = 3 या x = – 3 पाते हैं।
क्योंकि आयु एक धनात्मक संख्या होती है, इसलिए x = 3 ही होगा।
अतः सुनीता की वर्तमान आयु 3 वर्ष है।
समीकरण x² + 4x – 5 = 0 को पूर्णवर्ग बनाने के लिए इसको लिख सकते हैं (x + 2)² – 9 या (x + 2)² = 9 लिख सकते हैं।
वास्तव में, हम किसी भी द्विघात समीकरण को (x + a)² – b² = 0 की तरह बना सकते हैं और फिर हम इसके मूल आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
प्रक्रिया निम्न प्रकार से हैः
x² + 4x = {x2 + (4/2) x} + (4/2)x
= x² + 2x + 2x
= (x + 2) x + 2 × x
= (x + 2) x + 2 × x + 2 × 2 – 2 × 2
= (x + 2) x + (x + 2) × 2 – 2 × 2
= (x + 2) (x + 2) – 2²
= (x + 2)² – 4
अतः x² + 4x – 5 = (x + 2)² – 4 – 5 = (x + 2)² – 9
इस प्रकार, x² + 4x – 5 = 0 को पूर्ण वर्ग बनाकर (x + 2)² – 9 = 0 के रूप में लिखा जा सकता है। इसे पूर्ण वर्ग बनाने की विधि से जाना जाता है।
इसको दर्शाने की एक दूसरी विधि निम्न है:
समीकरण 3x² – 5x + 2 = 0
इसको लिख सकते हैं x² – (5/3)x + 2/3 = 0
अब, {x – (½)(5/3)}² – {(½)(5/3)}² + 2/3
= (x – 5/6)² + 2/3 – 25/36
= (x – 5/6)² – 1/36
= (x – 5/6)² – (1/6)²
अर्थात् (x – 5/6) = +1/6 या – 1/6
इसप्रकार x = 1, 2/3
दो वर्गों के क्षेत्रफलों का योग 468 m² है। यदि उनके परिमापों का अंतर 24 m हो, तो दोनों वर्गों की भुजाएँ ज्ञात कीजिए।
इस प्रश्न को पूर्णवर्ग विधि द्वारा हल करते हैं
माना पहले वर्ग की एक भुजा का माप x m है तथा दूसरे वर्ग की एक भुजा का माप y m है।
इसप्रकार पहले वर्ग का क्षेत्रफल x² m² है तथा दूसरे का y² m² है
दोनों के क्षेत्रफल का योग = x² + y² = 468 m² है या x² + y² = 468 (1)
तथा दोनों का परिमापों का अंतर 4x – 4y = 24 है या x – y = 6 (2)
समीकरण 2 से x = 6 + y को समीकरण 1 में रखने पर
(6 + y)² + y² = 468
या 36 + 2y² + 12y = 468
या y² + 6y – 216 = 0
इसको लिख सकते हैं (y + 3)² = 225
इसलिए, y + 3 = +15 या – 15
अतः y = 12, -18
वर्ग की भुजा का परिमाप ऋणात्मक नहीं हो सकता है अतः y = 12 है।
y का मान समीकरण 2 में रखने पर x = 18 है।
द्विघात समीकरण के मूलों की प्रकृति
पिछले अनुच्छेद में, आपने देखा है कि समीकरण ax² + bx + c = 0 के मूल
X = (-b±√(b^2-4ac))/2a द्वारा निर्धारित होते हैं।
यदि, b² – 4ac > 0 है तो दो भिन्न और वास्तविक मूल होंगे। X = (-b+√(b^2-4ac))/2a , X = (-b-√(b^2-4ac))/2a
यदि, b² – 4ac = 0 है तो दो बराबर और वास्तविक मूल होंगे।
यदि, b² – 4ac < 0 है तो ऐसी कोई वास्तविक संख्या नहीं है, जिसका वर्ग b² – 4ac हो। अतः दिए हुए द्विघात समीकरण के इस स्थिति में कोई वास्तविक मूल नहीं हैं। क्योंकि b² – 4ac यह निश्चित करता है कि द्विघात समीकरण ax² + bx + c = 0 के मूल वास्तविक हैं अथवा नहीं, b² – 4ac को इस द्विघात समीकरण का विविक्तकर कहते हैं।
अतः, द्विघात समीकरण Ax² + Bx + C = 0 के
- दो भिन्न वास्तविक मूल होते हैं, यदि b² – 4ac > 0 हो
- दो बराबर वास्तविक मूल होते हैं, यदि b² – 4ac = 0 हो
- कोई वास्तविक मूल नहीं होता, यदि b² – 4ac < 0 हो
मूलों की प्रकृति पर आधारित उदाहरण
द्विघात समीकरण 2x² – 4x + 3 = 0 का विविक्तकर ज्ञात कीजिए और फिर मूलों की प्रकृति ज्ञात कीजिए।
हल
दिया गया समीकरण ax² + bx + c = 0 के प्रकार का है, जहाँ a = 2, b = – 4 और c = 3 है।
इसलिए, विविक्तकार b² – 4ac = (-4)² – 4(2)(3) = 16 – 24 = – 8 < 0 है। अतः दिए गए समीकरण के मूल वास्तविक नहीं हैं।
क्या निम्न स्थिति संभव है? यदि है तो उनकी वर्तमान आयु ज्ञात कीजिए। दो मित्रें की आयु का योग 20 वर्ष है। चार वर्ष पूर्व उनकी आयु (वर्षों में) का गुणनफल 48 था।
हल:
उपरोक्त प्रश्न की संभावना को ज्ञात करने के लिए सर्वप्रथम हम मान लेते हैं कि यदि एक की वर्तमान आयु x वर्ष है तो उस स्थिति में दूसरे की आयु (20 – x) वर्ष होगी।
चार वर्ष पूर्व दोनों की आयु का गुणनफल (x – 4) × (20 – x – 4) = 48
या (x -4) × (16 – x) = 48
या 16x – 64 + 4x – x² = 48
सरल करने पर 20x – x² – 112 = 0
इसको लिख सकते हैं x² – 20x + 112 = 0
यह एक द्विघात समीकरण है इसका विविक्तकर ज्ञात करते हैं।
b² – 4ac = (- 20)² – 4(1)(112) = 400 – 448 = – 48 < 0 है। अतः दिए गए समीकरण के मूल वास्तविक नहीं हैं। इसलिए प्रश्न में व्यक्त कि गई स्थिति संभव नहीं है।
स्मरणीय तथ्य
1. द्विघाती सूत्रः द्विघात समीकरण ax² + bx + c = 0 के मूल X = (-b±√(b^2-4ac))/2a के द्वारा निर्धारित होते हैं।
यदि b² – 4ac ≥ 0 हो।
2. एक द्विघात समीकरण ax² + bx + c = 0, a ≠ 0 में,
दो भिन्न वास्तविक मूल होते हैं, यदि b² – 4ac > 0 हो।
दो बराबर मूल (अर्थात् संपाती वास्तविक मूल) होते हैं, यदि b² – 4ac = 0 हो और
कोई वास्तविक मूल नहीं होते हैं, यदि b² – 4ac < 0 हो।
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