पाठ – 1
सत्ता की साझेदारी
In this post we have given the detailed notes of class 10 Social Science Chapter 1 Satta Ki Sajhdaari (Power-sharing) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 10 board exams.
इस पोस्ट में क्लास 10 के सामाजिक विज्ञान के पाठ 1 सत्ता की साझेदारी (Power-sharing) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 10 में है एवं सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board, CGBSE Board, MPBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 10 |
Subject | Social Science |
Chapter no. | Chapter 1 |
Chapter Name | सत्ता की साझेदारी (Power-sharing) |
Category | Class 10 Social Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
बेल्जियम की कहानी
- बेल्जियम एक छोटा सा देश है जिसकी आबादी एक करोड़ से थोड़ी अधिक है।
- इस छोटे से देश के समाज की जातीय बुनावट बहुत जटिल है।
- देश की कुल आबादी का 59 फीसदी हिस्सा फ्लेमिश इलाके में रहता है और डच बोलता है। शेष एक फीसदी लोग जर्मन बोलते हैं।
- राजधानी ब्रसेल्स के लोग 80 फीसदी लोग फ्रेंच बोलते हैं और 20 फीसदी लोग डच भाषा।
- अल्पसंख्यक फ्रेंच-भाषी लोग तुलनात्मक रूप से ज्यादा समृद्ध और ताकतवर रहे हैं।
- बहुत बाद में जाकर आर्थिक विकास और शिक्षा का लाभ पाने वाले डच-भाषी लोगों को इस स्थिति से नाराजगी थी।
- इसके चलते 1950 और 1960 के दशक में फ्रेंच और डच बोलने वाले समूहों के बीच तनाव बढ़ने लगा।
बेल्जियम की समझदारी
- 1970 और 1993 के बीच बेल्जियम के संविधान में चार संशोधन सिर्फ इस बात के लिए किए गए कि देश में रहने वाले किसी भी आदमी को बेगानेपन का एहसास न हो और सभी मिलजुल कर रह सके।
- बेल्जियम के मॉडल की कुछ मुख्य बातें-
- संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रावधान है कि केन्द्रीय सरकार में डच और फ्रेंच-भाषी मंत्रियों की संख्या समान रहेगी।
- केंद्र सरकार की अनेक शक्तियां देश के दो इलाकों की क्षेत्रीय सरकारों को सुपुर्द कर दी गई है।
- ब्रूसेल्स में अलग सरकार है और इसमें दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व है।
- डच, फ्रेंच और जर्मन बोलने वाले समुदायों द्वारा चुनी गयी सामुदायिक सरकार का प्रावधान, जिसे संस्कृति, शिक्षा और भाषा जैसे मामलों पर फैसले लेने का अधिकार हो।
श्रीलंका की कहानी
- श्रीलंका एक द्वीपीय देश है जो भारत के दक्षिणी तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसकी आबादी करीब दो करोड़ है।
- सबसे प्रमुख सामाजिक समूह सिंहलियों का (74 फीसदी) तथा तमिलों का (18 फीसदी) है।
- तमिलों में भी दो समूह हैं-
- श्रीलंकन तमिल- श्रीलंकाई मूल के तमिल (13 फीसदी)।
- हिन्दुस्तानी तमिल- जो औपनिवेशिक शासनकाल में बागानों में काम करने के लिए भारत से लाए गए लोगों की संतान हैं।
- अधिकतर सिंहली-भाषी लोग बौद्ध हैं, जबकि तमिल-भाषी लोगों में कुछ हिंदू हैं और कुछ मुसलमान।
- श्रीलंका की आबादी में ईसाई लोगों का हिस्सा 7 फीसदी है और वे सिंहली और तमिल, दोनों भाषाएं बोलते हैं।
श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद
- लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार ने सिंहली समुदाय की प्रभुता कायम करने के लिए अपनी बहुसंख्यक- परस्ती के तहत कई कदम उठाए। वे हैं-
- सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया।
- विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता देने की नीति भी चली।
- इन सरकारी फैसलों ने श्रीलंकाई तमिलों की नाराजगी और शासन को लेकर उनमें बेगानापन बढ़ाया।
- श्रीलंकाई तमिलों ने अपनी राजनीतिक पार्टियां बनाईं और तमिल को राजभाषा बनाने, क्षेत्रीय स्वायत्तता हासिल करने तथा शिक्षा और रोजगार में समान अवसरों की मांग को लेकर संघर्ष किया।
- 1980 के दशक तक उत्तर-पूर्वी श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल ईलम (सरकार) बनाने की मांग को लेकर अनेक राजनीतिक संगठन बने।
- शीघ्र ही यह टकराव गृहयुद्ध में परिणत हुआ।
सत्ता की साझेदारी क्यों जरूरी है?
- सत्ता का बँटवारा ठीक है क्योंकि इससे विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है।
- सत्ता की साझेदारी दरअसल लोकतंत्र की आत्मा है।
- लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग शासन-व्यवस्था के अंतर्गत हैं उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए।
सत्ता की साझेदारी के रूप
- आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अनेक रूप हो सकते हैं।
सत्ता का क्षैतिज वितरण: –
- शासन के विभिन्न अंग, जैसे विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बंटवारा रहता है। जैसे-भारत
संघ सरकार: –
- सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बंटवारा हो सकता है: –
- जैसे पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार हो और फिर प्रान्त या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकार रहे। जैसे- USA.
- सत्ता का बंटवारा विभिन्न सामाजिक समूहों, मसलन, भाषाई और धार्मिक समूहों के बीच भी हो सकता है। बेल्जियम में सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण है।
- सत्ता के बंटवारे का एक रूप हम विभिन्न प्रकार के दबाव-समूह और आंदोलनों द्वारा शासन को प्रभावित और नियंत्रित करने के तरीके में भी लक्ष्य कर सकते हैं।
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Sharab kya kaksha 10 ke liye SST main samkalin Bharat ke sabhi chapter ke notes banaa sakte hain please Mere exam pass mein hai
(Class 10 hindi medium ki sst samkalin bhart ke sabhi chapter ke notes please sir)