धर्मनिरपेक्षता (CH-8) Notes in Hindi || Class 11 Political Science Book 1 Chapter 8 in Hindi ||

पाठ – 8

धर्मनिरपेक्षता

In this post we have given the detailed notes of Class 11 Political Science Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता (Secularism) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 11 exams.

इस पोस्ट में क्लास 11 के राजनीति विज्ञान के पाठ 8 धर्मनिरपेक्षता (Secularism) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं राजनीति विज्ञान विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectPolitical Science
Chapter no.Chapter 8
Chapter Nameधर्मनिरपेक्षता (Secularism)
CategoryClass 11 Political Science Notes in Hindi
MediumHindi
Class 11 Political Science Chapter 8 धर्मनिरपेक्षता (Secularism) in Hindi

Chapter – 8 धर्मनिरपेक्षता

धर्म

‘धर्म शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है, जिसमें मूल सिद्धांत के साथ – साथ सभी का कल्याण करना है।

धर्म निरपेक्षता का अर्थ

बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों को अपना धर्म मानने व प्रचार करने की स्वतंत्रता अर्थात् जब राज्य धर्म को लेकर कोई भेद – भाव न करें।

भारत में धर्म निरपेक्षता

  • धर्मनिरपेक्षता सभी धर्मों के लिए समान सम्मान को संदर्भित करता है, अर्थात राज्य किसी भी धर्म को स्वीकार नहीं करता है और सभी धर्मों के बराबर व्यवहार करता है।
  • भारत विभिन्नताओं का देश है लोकतन्त्र को बनाए रखने के लिए सभी को समान अवसर प्रदान करने का कार्य कठिन है इस लिए भारतीय संविधान के 42वें संशोधन के द्वारा पंथ निरपेक्षता शब्द को जोड़ा गया। संविधान के घोषणा पत्र में धार्मिक वर्चस्ववाद का विरोध करना, धर्म के अन्दर छिपे वर्चस्व का विरोध करना तथा विभिन्न धर्मों के बीच तथा उनके अन्दर समानता को बढ़ावा देना आदि की घोषणा करता है।

धर्मों के बीच वर्चस्ववाद

हर भरतीय नागरिक को देश के किसी भी भाग में आज़ादी और प्रतिष्ठा के साथ रहने का अधिकार है फिर भी भेदभाव के अनेक उदाहरण पाए जाते है जिससे धर्मों के बीच वर्चस्ववाद बढ़ा क्योंकि हमें स्वयं के धर्म को श्रेष्ठ मानते हैं।

  • जैसे:- 1984 के सिख दंगों में हजारों सिख मारे गए।
  • कश्मीर से कश्मीरी पण्डितों को निकाल दिया।
  • 2002 में गुजरात में अनेक मुसलमान मारे गए तथा स्थान छोड़ कर चले गए।

 धर्म के अन्दर वर्चस्ववाद

  • मन्दिरों में महिलाओं तथा दलितों का प्रवेश वर्जित।
  • अनेक मस्जिदों में महिलाओं का नमाज वर्जित।

धर्म निरपेक्ष राज्य

  • वह राज्य जहां सरकार की तरफ से किसी धर्म को अधिकारिक ( कानूनी ) मान्यता न दी गई हो।
  • सर्व धर्म समभाव की अवधारणा को महत्व।
  • धार्मिक समूह के वर्चस्व को रोकना धार्मिक संस्थाओं एवं राज्यसत्ता की संस्थाओं के बीच स्पष्ट अंतर होना चाहिए। तभी शांति, स्वतंत्रता और समानता स्थापित हो पाएगी।
  • किसी भी प्रकार के धार्मिक गठजोड़ से परहेज।
  • ऐसे लक्ष्यों व सिद्धान्तों के प्रति प्रतिबद्ध होने चाहिए जो शांति, धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक उत्पीड़न, भेदभाव और वर्जनाओं से आजादी को महत्त्व दें।

धर्मनिरपेक्ष राज्य कि विशेषताए

  • सभी धर्मों के बीच समानता होता है।
  • कानून द्वारा किसी धर्म का पक्षपात नहीं होता है।
  • सभी धर्मों के लोग को अपने धर्म के पालन तथा प्रचार और प्रसार की आजादी होती है।
  • राज्यों द्वारा किसी भी धर्म को राजकीय धर्म घोषित नहीं किया जाता।

धर्मनिरपेक्षता का यूरोपीय मॉडल

अमेरिकी मॉडल

धर्म और राज्य सत्ता के संबंधविच्छेद को पारस्परिक निषेध के रूप में समझा जाता है। राजसत्ता धर्म के मामले में व धर्म राजसत्ता के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।

  • ये संकल्पना स्वतंत्रता और समानता की व्यक्तिवादी ढंग से व्याख्या करती
  • धर्मनिरपेक्षता में राज्य समर्थित धार्मिक सुधार के लिये कोई जगह नहीं है।

धर्मनिरपेक्षता का भारतीय मॉडल

  • भारतीय धर्म निरपेक्षता केवल धर्म और राज्य के बीच संबंध विच्छेद पर बल नहीं देता।
  • अप्लसंख्यक तथा सभी व्यक्तियों को धर्म अपनाने की आजादी देता है। भारतीय राज्य धार्मिक अत्याचार का विरोध करने हेतु धर्म के साथ निषेधात्मक संबंध भी बना सकता है।
  • भारतीय संविधान ने अल्पसंख्यकों को खुद अपनी समस्याएं खोजने का अधिकार है तथा राज्यसत्ता के द्वारा सहायता भी मिल सकती हैं।
  • भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42वें संशोधन 1976 के बाद पंथ निरपेक्ष शब्द जोड़ दिया है।
  • मौलिक अधिकारों में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार शिक्षा व सांस्कृति का अधिकार सभी धर्मों को समान अवसर प्रदान करते हैं।

धर्मनिरपेक्षता का पश्चिमी मॉडल

धर्मनिरपेक्ष राज्य पादरियों द्वारा नहीं चलाया जाता है और नाही इसका कोई सरकारी या स्थापित धर्म संघ होता है। फ्रांसीसी क्रांति के बाद फ्रांस में धर्मनिरपेक्षवाद एक आन्दोलन के रूप मे बदला गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका भी शुरू से धर्मनिरपेक्ष राज्य रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान मे कहा गया है अमेरिकी कांग्रेश ऐसा कोई कानून पारित नहीं करेगी जो धर्मसंघ की स्थापना करता हो या किसी धर्म को मानने कि स्वतंत्रता पर रोक लगाता हो।

  • राज्ये धर्म के मामले मे तात्स्थ्य निरपेक्ष रहता है और किसी भी धार्मिक संस्था का कोई भी सहायता या लाभ प्रदान नहीं करता।
  • राज्य धार्मिक संगठनो के क्रियाकलाप मे हस्तक्षेप नहीं करता
  • प्रत्येक व्यक्ति को चाहे वह किसी भी धर्म का मानने वाला हो एक जैसे अधिकार प्रदान किए जाते है।

 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

अनुच्छेद 24 से 28 तक

अनुच्छेद 25

  • भारत में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति किसी धर्म को मान सकता है।
  • विश्वास कर सकता है।
  • प्रचार कर सकता है।

अनुच्छेद 26

  • धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता की व्यवस्था की गई है।

अनुच्छेद 27

  • किसी व्यक्ति को ऐसा कोई कर देने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा जो किसी धर्म को बढ़ाने के काम आए।

अनुच्छेद 28

  • सरकारी शिक्षण संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा पर रोक लगाई गई है।

भारतीय धर्म निरपेक्षता की आलोचना

  • धर्म विरोधियों के अनुसार धर्म निरपेक्षता धर्म विरोधी है तथा धार्मिक पहचान के लिए खतरा पैदा करती है। पश्चिम से आयातित है।
  • अल्पसंख्यक अधिकारों की पैरवी करती है।
  • अल्पसंख्यकवाद का आरोप मढ़ा जाता है।
  • वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा देती है।
  • अतिशय हस्तक्षेपकारी क्योंकि भारतीय धर्मनिरपेक्षता राज्यसत्ता समर्थित धार्मिक सुधार की इजाजत देती है।

सम्प्रदायिकता का अर्थ

अपने धर्म को अधिक महत्व देना दूसरे धर्म को हीन समझना।

सम्प्रदायिकता को रोकने के उपाय

  • भेदभाव करने वाली राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त करना।
  • अधिकारियों को दण्डित करना।
  • शिक्षा सामग्री में बदलाव।
  • भेदभाव पैदा करने वाले समाचारों पर रोक।

असंभव परियोजना

  • धर्म निरपेक्षता की नीति बहुत कुछ करना चाहती है परन्तु यह परियोजना सच्चाई से दूर है जो असम्भव है।
  • अनेक आलोचनाओं के बाद भी भारत की धर्म निरपेक्षता की नीति भविष्य की दुनिया का प्रतिबिम्ब प्रस्तुत करती हैं। भारत में महान प्रयोग किए जा रहें है। जिसे पूरा विश्व चाव से देखता है। यूरोप अमेरिका तथा मध्यपूर्व के कुछ देश धर्म संस्कृति की विविधता से भारत जैसे दिखने लगे है।

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