शांति (CH-9) Notes in Hindi || Class 11 Political Science Book 1 Chapter 9 in Hindi ||

पाठ – 9

शांति

In this post we have given the detailed notes of Class 11 Political Science Chapter 9 शांति (Peace) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 11 exams.

इस पोस्ट में क्लास 11 के राजनीति विज्ञान के पाठ 9 शांति (Peace) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं राजनीति विज्ञान विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectPolitical Science
Chapter no.Chapter 9
Chapter Nameशांति (Peace)
CategoryClass 11 Political Science Notes in Hindi
MediumHindi
Class 11 Political Science Chapter 9 शांति (Peace) in Hindi

Chapter – 9 शांति

शांति का अर्थ

  • सामान्यतः शांति का अर्थ युद्ध न होने से लिया जाता है। दो देशों के बीच हथियारों के साथ आमना – सामना होना युद्ध कहलाता है। जबकि रवांडा या बोस्निया में ऐसी स्थिति नहीं थी लेकिन शांति का अभाव था।
  • शांति को हम हिंसक संघर्षों के अभाव के रूप में देख सकते हैं। (संघर्ष न होना) जाति, वर्ग, लिंग, उपनिवेशवादी, साम्प्रदायिक किसी भी प्रकार का संघर्ष न होना।

अहिंसा

  • अहिंसा का तात्पर्य पृथ्वी पर किसी भी चीज़ को विचार, शब्द या कर्म से घायल नहीं करना है, लेकिन कभी – कभी शांति बनाए रखने के लिए बल का उपयोग करना आवश्यक होता है लेकिन युद्ध केवल अंतिम उपाय होना चाहिए।

संरचनात्मक हिंसा

  • हमारे सामाजिक संरचना से उत्पन्न हिंसा को संरचनात्मक हिंसा कहा जाता है।
  • जैसे:- जातिभेद, वर्गभेद, पितृसत्ता, उपनिवेशवाद, नस्लवाद, आतंकवाद और सांप्रदायिकता।

संरचनात्मक हिंसा के विभिन्न रूप

जातीय दंगे:- भारत में छुआछूत कि समाप्ति के साथ ही जाती प्रथा से जुड़े बहुत से विशेषाधिकार एक – एक करके लुप्त हो गए बाद में जमीदारी उन्मूलन किए जाने से मंझोली जातियों के किसान भी इतने सब हो गए कि वे जो पहले दबंग जातीय होती थी, उनके नेत्व्य को चुनौती देने लगे !

नस्लवाद:- नस्लवाद के मूल में यह भावना रही है कि कुछ जातिया या नसले प्रकृति से ही श्रेष्ठ है और उन्हें अन्य नस्लों को दबाकर रखने का पूरा अधिकार है नस्लवाद जर्मनी में नाजीवाद और दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद कि नीति के रूप प्रकट हुआ।

जातिगत व्यवस्था पर आधारित:- कुछ खास समूह व जातियों को अस्पृश्य मान कर व्यवहार करना। जिसे कानून बना कर संविधान के आधार पर समाप्त करने का प्रयास किया गया।

पितृसत्ता के आधार पर आधारित:- ऐसे समाजों में स्त्रियों को अधीन बना उनके साथ भेद – भाव किया जाता है। कन्या भ्रूणहत्या, अपर्याप्त पोषण, दहेज, आदि के रूप में इसके परिणोत देखी जा सकती है।

उपनिवेशवाद:- उपनिवेशवाद यूँ तो समाप्त हो गया परन्तु असितत्व आज भी कायम है। इजरायली प्रभुत्व के खिलाफ फिलिस्तीनी संघर्ष, यूरोपीय देशों के पूर्ववर्ती उपनिवेशों का शोषण आदि इसके उदाहरण है।

  • रंगभेद, साम्प्रदायिकता व नस्ल आधारित समूह आज भी देखे जा सकते हैं। (हिटलर से लेकर आज तक के उदाहरण लिये जा सकते है।)
  • हिंसा व भेदभाव का प्रभाव व्यक्ति की मनोवैज्ञातिक व शारीरिक दोनों स्थितियों पर पड़ता है।

हिंसा को समाप्त करने के तरीके

सयुक्त राष्ट्र शेक्षणिक वैज्ञानिक संगठन कि स्थापना का उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और संचार व्यवस्था के विकास द्वारा राष्ट्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और विश्व में शांति वा सुरक्षा स्थापित करना क्योंकि युद्ध मानव के मस्तिस्क में शांति कि अवधारणा विकसित होनी चाहिए।

क्या हिंसा कभी शांति को प्रोत्साहित कर सकती है ?

यूं तो हिंसा अपने पीछे मौत एवं बर्बादी की श्रृखंला छोड़ जाती है परन्तु फिर भी योजनाबद्ध तरीके में सहायक होता है। (गांधी, मार्टिन लूथर किंग, नलस्न मंडेला आदि के उदाहरण दिये जा सकते है)।

शांति और राज्यसत्ता

हर राज्य अपने को पूर्णतः एवं सर्वोच्च ईकाई के रूप में देखता है। शांति के लिये स्वयं को वृहत्तर मानवता के रूप में देखना होगा।

नागरिकों पर बल प्रयोग को रोकना होगा। लोकतंत्रीय शासन प्रणाली के द्वारा ही यह सम्भव है।

शांति कायम करने के विभिन्न तरीकें

  • राष्ट्रों को केन्द्रीय स्थान देना, उनकी संप्रभुत्ता का आदर करना।
  • राष्ट्रों की आपसी प्रतिद्वंद्विता का कम कर, आर्थिक एकीकरण से राजनीतिक एकीकरण की ओर बढ़ना।
  • विश्व वैश्वीकरण की प्रक्रिया।
  • निः शस्त्रीकरण को अपनाकर।

समकालीन चुनौतियां

  • दबंग राष्ट्रों को प्रभावपूर्ण प्रदर्शन:- इराक में अमेरिका का दखल।
  • आंतकवाद का स्वार्थपूर्ण आचरण:- इन ताकतों द्वारा जैविक रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की आशंका।
  • अंतराष्ट्रीय हस्तक्षेप न होना:- गोरिल्ला युद्ध 1994 में तुत्सी लोगों का मारा, जाना रवांडा में खूनखराबा पर कोई कदम नहीं उठाया गया।

आण्विक हथियारों पर पाबन्दी वाले क्षेत्र

इन सबके बावजूद भी कुछ ऐसे क्षेत्र है जहां पर आण्विक हथियारों पर पाबन्दी है।

ऐसे छः क्षेत्र है: –

  • दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र
  • लैटिन अमेरिका और कैरेबियन क्षेत्र
  • दक्षिण पूर्वी एशिया
  • अफ्रीका
  • दक्षिण प्रशांत क्षेत्र व
  • मंगोलिया

समकालीन विश्व में शांति को प्राथमिकता दी जा रही है। शांति अध्ययन नामक ज्ञान की एक नई शाखा का भी सृजन हुआ है।

संयुक्त राष्ट्र संगठन

  • यू . एन . की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को विश्व में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी।ss
  • संयुक्त राष्ट्र संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्त होने के बाद की गई थी।
  • UNO ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा स्थापित की।

आतंकवादी गतिविधिया

  • अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद को फैलाने में लीबिया सूडान और अफगानिस्तान कि भूमिका से निबतेन के लिए विश्व समुदाय द्वारा अलग अलग तरीके अपनाएं गए है।
  • अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर 11 सितम्बर को हुआ हमला आज तक कि सबसे अधिक विनाशकारी आतंकवादी घटना थी सयुंक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद ने आतंकवादियो के विरुध अभियान में सभी देशो को पूरी तरह से सहयोग देने कि अपील कि।

शांति और राज्यसत्ता

  • हमारे समाज में सुव्यवस्था और सामंजस्य स्थापित करने के लिए एक शक्तितंत्र कि आवश्कता है जिसे राज्य कहते है। आधुनिक राज्य अनेक कार्य करता है राज नागरिको कि जीवन और उनकी सम्पति कि रक्षा करता है प्रकृति आपदाओ कि स्तिथि में लोगो को राहत प्रदान करता है, विदेशी आक्रमण के दोरान नागरिको के जान – माल की ओर राष्ट्र के सम्मान की रक्षा करता है तथा कला ओर विज्ञानं की प्रगति व लोगो के भौतिक कल्याण के लिए उचित अवसर जुटाता है।

We hope that Class 11 Political Science Chapter 9 शांति (Peace) notes in Hindi helped you. If you have any query about Class 11 Political Science Chapter 9 शांति (Peace) notes in Hindi or about any other notes of Class 11 Political Science in Hindi, so you can comment below. We will reach you as soon as possible…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *