पाठ – 16
गाँधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
In this post we have given the detailed notes of class 12 Hindi chapter 16 गाँधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams
इस पोस्ट में क्लास 12 के हिंदी के पाठ 16 गाँधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं हिंदी विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Hindi (अंतरा) |
Chapter no. | Chapter 16 |
Chapter Name | गाँधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात |
Category | Class 12 Hindi Notes |
Medium | Hindi |
पाठ – 16 गाँधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात
भीष्म साहनी: एक प्रसिद्ध लेखक और अनुवादक
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
- 8 अगस्त, 1915 को रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) में जन्म।
- प्रारंभिक शिक्षा घर पर और बाद में स्कूल में उर्दू और अंग्रेजी का अध्ययन।
- गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में एमए।
- पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी।
कैरियर:
- विभाजन से पहले व्यापार और मानद अध्यापन।
- विभाजन के बाद पत्रकारिता, इप्टा नाटक मंडली में काम, और मुंबई में बेरोजगारी।
- अंबाला और अमृतसर के कॉलेजों में अध्यापन।
- दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में साहित्य अध्यापन।
- मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह में लगभग सात वर्षों तक अनुवादक।
- रूसी भाषा सीखी और लगभग दो दर्जन रूसी पुस्तकों का अनुवाद किया।
- ढाई वर्षों तक ‘नयी कहानियाँ’ पत्रिका का संपादन।
- प्रगतिशील लेखक संघ और अफ्रो-एशियाई लेखक संघ से जुड़े।
साहित्यिक योगदान:
- कहानियाँ, उपन्यास, नाटक और बाल साहित्य सहित विभिन्न विधाओं में रचनाएँ।
- प्रमुख रचनाओं में ‘भाग्यरेखा’, ‘पहला पाठ’, ‘भटकती राख’, ‘तमस’, ‘बसंती’, ‘मय्यादास की माड़ी’, ‘माधवी’, ‘हानूश’, ‘गुलेल का खेल’ आदि शामिल हैं।
- सामाजिक मुद्दों, विभाजन की त्रासदी और मानवीय रिश्तों का चित्रण।
- उर्दू और पंजाबी के प्रभाव वाली भाषा शैली।
- छोटे-छोटे वाक्यों और संवादों का प्रभावी प्रयोग।
पुरस्कार और सम्मान:
- ‘तमस’ उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार।
- हिंदी अकादमी, दिल्ली द्वारा शलाका सम्मान।
“गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफात”
पात्र:
- लेखक (भीष्म साहनी): कहानी के कथाकार, जो अपने जीवन के विभिन्न पड़ावों पर महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और यास्सेर अराफात से मिलते हैं और उनके साथ बिताए कुछ पलों का वर्णन करते हैं ।
- महात्मा गांधी: भारत के राष्ट्रपिता, जिन्हें लेखक सेवाग्राम में देखते हैं और उनके साथ सैर पर जाते हैं ।
- जवाहरलाल नेहरू: भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, जिनसे लेखक कश्मीर में मिलते हैं और उनके साथ कुछ समय बिताते हैं ।
- यास्सेर अराफात: फिलिस्तीन के नेता, जिनसे लेखक ट्यूनिस में मिलते हैं और उनके साथ दोपहर का भोजन करते हैं ।
- बलराज: लेखक के भाई, जो सेवाग्राम में ‘नयी तालीम’ पत्रिका के सह-संपादक के रूप में काम करते हैं ।
- डॉ. सुशीला नय्यर: गांधी जी के साथ रहने वाली एक डॉक्टर।
- महादेव देसाई: गांधी जी के निजी सचिव।
- शेख अब्दुल्ला: कश्मीर के नेता ।
- खान अब्दुल गफ्फार खान: गांधी जी के सहयोगी और स्वतंत्रता सेनानी ।
- श्रीमती रामेश्वरी नेहरू: जवाहरलाल नेहरू की बहन ।
सारांश:
सेवाग्राम में गांधी जी:
- लेखक अपने भाई बलराज से मिलने सेवाग्राम जाते हैं, जो उस समय ‘नयी तालीम’ पत्रिका के सह-संपादक थे ।
- वे गांधी जी को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं और उनके साथ सैर पर जाते हैं ।
- गांधी जी से बात करते हुए लेखक को रावलपिंडी की याद आती है, जहाँ गांधी जी कभी गए थे ।
- लेखक सेवाग्राम में तीन सप्ताह रहते हैं और गांधी जी के दैनिक जीवन, उनके सादगी भरे
आचरण और नियमित दिनचर्या को देखते हैं । - वे प्रार्थना सभा में जाते हैं और कस्तूरबा गांधी को देखते हैं, जो उन्हें अपनी माँ की याद दिलाती हैं ।
- लेखक को एक जापानी भिक्षु, पृथ्वीसिंह आज़ाद, मीरा बेन, खान अब्दुल गफ्फार खान और राजेंद्र बाबू जैसे लोगों से मिलने का मौका मिलता है ।
- एक दिन लेखक एक बीमार बच्चे को देखते हैं जिसे गांधी जी खुद चिकित्सा सहायता देते हैं,
यह देखकर लेखक गांधी जी के सेवाभाव और करुणा से प्रभावित होते हैं । - गांधी जी के प्रति लेखक के मन में श्रद्धा और सम्मान का भाव और भी गहरा हो जाता है ।
कश्मीर में नेहरू जी:
- लेखक कश्मीर में नेहरू जी से मिलते हैं और उनके साथ कुछ समय बिताते हैं ।
- वे नेहरू जी के साथ भोजन करते हैं और उनकी बातचीत सुनते हैं, जिससे उन्हें नेहरू जी के
विचारों और व्यक्तित्व को समझने का मौका मिलता है । - नेहरू जी धर्म पर चर्चा करते हैं और एक मार्मिक कहानी सुनाते हैं जो फ्रांस के लेखक अनातोले
फ्रांस द्वारा लिखित है । - लेखक नेहरू जी को चरखा कातते हुए देखते हैं, जिससे उन्हें नेहरू जी की सादगी और
गांधीवादी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता का पता चलता है । - लेखक और नेहरू जी के बीच अखबार को लेकर एक छोटी सी घटना होती है, जिससे नेहरू जी
के विनम्र और सहज स्वभाव का पता चलता है ।
ट्यूनिस में यास्सेर अराफात:
- लेखक ट्यूनिस में अफ्रो-एशियाई लेखक संघ के सम्मेलन में भाग लेने जाते हैं ।
- वे यास्सेर अराफात से मिलते हैं और उनके साथ दोपहर का भोजन करते हैं ।
- अराफात भारत के नेताओं और गांधी जी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं,
जिससे भारत और फिलिस्तीन के बीच मित्रतापूर्ण संबंधों का पता चलता है । - लेखक अराफात के आतिथ्य से प्रभावित होते हैं ।
- लेखक और अराफात के बीच एक छोटी सी घटना होती है, जिससे अराफात के
सहज और मित्रवत व्यवहार का पता चलता है ।
निष्कर्ष:
यह पाठ लेखक के जीवन के तीन महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों – गांधी, नेहरू और अराफात – से मिलने के अनुभवों का वर्णन करता है । इन अनुभवों के माध्यम से लेखक इन नेताओं के व्यक्तित्व, उनके विचारों और उनके कार्यों को समझने का प्रयास करते हैं । यह पाठ हमें इन महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करता है ।
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