खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन (CH-4) Notes in Hindi || Class 12 Home Science Chapter 4 in Hindi ||

पाठ – 4

खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन

In this post we have given the detailed notes of class 12 Home Science Chapter 4 खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन (Catering and Food Service Management ) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams.

इस पोस्ट में क्लास 12 के गृह विज्ञान के पाठ 4 खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन (Catering and Food Service Management ) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं गृह विज्ञान विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 12
SubjectHome Science
Chapter no.Chapter 4
Chapter Nameखान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन (Catering and Food Service Management )
CategoryClass 12 Home Science Notes in Hindi
MediumHindi
Class 12 Home Science Chapter 4 खान-पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन in Hindi
Table of Content
3. Chapter – 4: खान – पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन

Chapter – 4: खान – पान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन

भोजन सेवा प्रबंधन

इसका अर्थ है आवश्यकता अनुसार भोजन का प्रबंध करना। ऐसी सेवाएं जो घर का भोजन उपलब्ध ना होने की स्थिति में व्यक्ति के भोजन की व्यवस्था कर सकें। इस प्रकार भोजन की व्यवस्था करने को भोजन सेवा प्रबंधन कहते हैं।

खानपान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन : एक परिचय

  • प्राचीन समय में भोजन का प्रबंधन धर्मशाला में होता था। सामाजिक आर्थिक परिदृश्य में परिवर्तन के साथ भोजन सेवा और भोजन प्रबंधन एक उद्योग के रूप में उभर आया है। क्योंकि ऐसे भोजन की बहुत अधिक मांग है जो स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि साफ सुथरा और स्वास्थय पूरक हो और बहुत सुंदर तरीके से परोसा जाता हो।
  • वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के प्रभाव से भोजन की सुरक्षा और गुणवत्ता में न केवल सुधार हुआ है। बल्कि भोजन तैयार करने से लेकर परोसने तक का कार्य तकनीकी बद्ध हो गया है। खानपान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन सिर्फ एक कल्याणकारी कार्य ना हो कर एक बहुत बड़े लाभदाई एवं रचनात्मक व्यवसाय के रूप में स्थापित हो गया है।

खानपान व्यवस्था और भोजन सेवा प्रबंधन का महत्व

आज बढ़ते जा रहे प्रवसन, शहरीकरण, वैश्वीकरण, अंतरराष्ट्रीय यात्राएं पर्यटन विभिन्न पाक प्रणालियां और विज्ञापनों की जानकारी एवं लोगों में नए भोजन का स्वाद लेने की बढ़ती हुई रुचि इत्यादि अनेक कारणों ने भोजन सेवा प्रबंधन के कार्य को बहुत महत्वपूर्ण बना दिया है।

भोजन सेवाओं के विकास को प्रभावित करने वाले कारक

भोजन सेवाओं के विकास को प्रभावित करने वाले कारक निम्न :-

  • धार्मिक प्रथाएं
  • परंपरा और संस्कृति
  • औद्योगिक विकास
  • सामाजिक और आर्थिक परिवर्त
  • प्रौद्योगिकी विकास
  • वैश्वीकरण

कैटरिंग सेवाएं

  • खानपान व्यवस्था भोजन सेवा उपलब्ध कराने वाली सेवाएं खानपान व्यवस्था या कैटरिंग सेवाएं कहलाती हैं।
  • ऑर्डर के अनुसार भोजन तैयार कर ऑफिस में पहुंचाना, घरों में पहुंचाना, घर पर बने भोजन को ग्राहक पहुंचाना, अंतरराष्ट्रीय और पर्यटकों के लिए खानपान की व्यवस्था करना . सामुदायिक गतिविधियों जैसे मेले, प्रदर्शनी, फूल फल सब्जी की प्रदर्शनों में आने वाले लोगों के लिए भोजन, अल्पाहार या फिर पेय पदार्थों की व्यवस्था करना।
  • रैलियों के लिए, मीटिंग्स के लिए, हॉस्टल के लिए, अस्पतालों के लिए, छात्रावासों इत्यादि के लिए भोजन का प्रबंध करना कैटरिंग सेवाओं के उदाहरण है।

भोजन उद्योग

वे उद्योग जो लाभांश कमाने के लिए भोजन का व्यापार करते हैं। यह आदेश के अनुसार भोजन तैयार कर मांग करने वाले तक पहुंचाते हैं। यह बहुत महंगे से लेकर सस्ते साधन तक हो सकते हैं। होटल रेस्टोरेंट फास्ट फूड की दुकान है विद्यालय महाविद्यालय विश्वविद्यालय उद्योग और दफ्तर इत्यादि की कैंटीन या कैफिटेरिया।

भोजन सेवा प्रबंधन

लोगों की आवश्यकता के अनुसार उन्हें संतोषजनक एवं लागत प्रभावी तरीके से कलात्मक और वैज्ञानिक ढंग से भोजन और पेय पदार्थ उपलब्ध कराने की कला को भोजन सेवा प्रबंधन कहते हैं।

भोजन सेवा प्रबंधक

वह होता है जो भोजन सेवा भोजन सेवा इकाई या संगठन के प्रबंधन और शासन की जिम्मेदारी लेता है।

खानपान व्यवस्था में व्यंजन सूची

भोजन सेवा इकाई में सभी गतिविधियां व्यंजन सूची से प्रभावित होती हैं। व्यंजन सूची से ही आवश्यक सामग्री, उपकरणों के प्रकार और संख्या, कर्मचारियों की निपुणता और उनकी नियुक्ति की संख्या निर्धारित की जाती है।

खानपान व्यवस्थाओं में सेवाओं के प्रकार

  • कल्याणकारी या गैर व्यवसायिक :- इन सेवाओं का मुख्य उददेश्य परोपकार और सामाजिक कल्याण है। इसका लक्ष्य है इससे संबंधित लोगों को भरपेट भोजन कराना। इसके उदाहरण है कार्यस्थल पर सशस्त्र सेना बलों, विद्यालयों में और सरकार द्वारा कार्यान्वित पूरक भोजन कार्यक्रमों में या अस्पतालों में रोगियों को भोजन कराना।
  • होटल और व्यवसायिक खानपान व्यवस्था :- इस प्रकार की सेवाएं और प्रतिष्ठान सामान्य जनों के प्रयोग के लिए खुले होते हैं। इनका उद्देश्य लाभ कमाना होता है। देश के लिए इन सेवाओं का बहुत अधिक महत्व है। क्योंकि यह उदयोग अपनी सेवाओं के बदले देश में चलाते हैं। होटल और भोजन प्रबंध सेवाएं पर्यटक पर्यटन और अवकाश उद्योग की मदद करते हैं।

व्यवसायिक क्षेत्र द्वारा की जाने वाली खान पान व्यवस्था में पाई जाने वाली भिन्नता एवं कारण

  • अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 7/5 सितारा होटल जिनकी सेवा त्रुटि रहित होती है। उत्कृष्ट कोटि की सेवाएं, भोजन एवं परिवेश महंगी कीमतों पर उपलब्ध कराते हैं।
  • कम खर्चीली प्रतिष्ठान, होटल, रेस्टोरेंट इत्यादि होते हैं। सुखद परिवेश, अच्छा भोजन और उच्च स्तरीय सेवा अपेक्षाकृत कम कीमत में उपलब्ध कराते हैं।
  • छोटे रेस्टोरेंट्स जहां परिवेश पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। सीमित व्यंजन सूची, सीमित उपकरण परंतु सस्ता भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

भोजन सेवा प्रणालियों के प्रकार

  • परंपरागत भोजन प्रणालियाँ
  • कॉमिसरी भोजन (रसद विभाग) सेवा प्रणाली
  • तैयार भोजन संबंधी सेवा प्रणाली
  • संयोजक (असेबंली) सेवा प्रणाली

परंपरागत भोजन प्रणालियों :- भोजन उसी परिसर के रसोई घर में तैयार किया जाता है, जहां पर परोसा जाना है। भोजन पदार्थों को परोसने के लिए वितरित कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए अस्पताल में मरीजों को। यह प्रणाली व्यक्तिगत पसंद के लिए अधिक अनुकूल है। मौसम के अनुसार उपलब्ध सामग्री उपयोग किया जा सकता है और व्यंजन सूची बनाने में बहुत लचीलापन रहता है। इसमें लागत भी बहुत कम आती है।

कॉमिसरी भोजन (रसद विभाग) सेवा प्रणाली :-

  • इस प्रणाली में भोजन एक केंद्र पर तैयार किया जाता है, परंतु परोसने के लिए के लिए कुछ दूरी पर स्थित क्षेत्रों में वितरि कर दिया जाता है। इसमें यह सुनिश्चित करना आवश्यक होता है कि भोजन विभिन्न स्थानों पर सप्लाई हो गया है।
  • उदाहरण के लिए कैफे कॉफी डे, बरिस्ता, जहां पर मूल खाद्य पदार्थ आइसक्रीम दूध, बिस्किट इत्यादि केंद्रीय रसोईघर से सप्लाई की जाती है। ग्राहक के ऑर्डर देने पर उसकी इच्छा अनुसार उसमें सुगंध और अन्य टॉपिंग इत्यादि मिलाकर तैयार कर दिया जाता है।
  • इसका लाभ यह है कि हर इकाई के लिए खाद्य पदार्थ बनाने के लिए अलग उपकरण और व्यक्तियों की आवश्यकता नहीं होती है जहां पर सभी इकाइयों के लिए उत्पादों की गुणवत्ता एकरूपता सुनिश्चित की जा सकती है और यह लागत प्रभावी भी है।

तैयार भोजन संबंधी सेवा प्रणाली :-

  • खाद्य पदार्थों को परोसने के समय से बहुत पहले बनाकर तैयार कर लिया जाता है और जब तक वे उपयोग में नहीं आते उन्हे हिमशीतित अर्थात डीप फ्रीज़र में रखा जाता है। बड़े शहरों में इस प्रकार के बहुत से खाद्य पदार्थ मिलते हैं जैसे पराठे समोसे कटलेट फ्रेंच फ्राइस।
  • मैफ़्को और गोदरेजऐसे उद्योगों के उदाहरण हैं जिन्होंने ऐसे उत्पाद विकसित किए हैं और भी उनका वितरण भी कर रहे हैं।
  • इस प्रकार की प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसके लिए विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है। इस जमी हुई अवस्था में खाद्य पदार्थ के भंडारण के लिए अलग फ्रीजर की आवश्यकता होती है। खाद्य पदार्थों को संभालने की प्रक्रिया में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है जिससे उन्हें दूषित और खराब होने से बचाया जा सके।

संयोजक (असेबंली) सेवा प्रणाली :-

  • इसमें पूर्ण रूप से तैयार खाद्य पदार्थ विनिर्माता से खरीदे जाते हैं और परोसे जाने वाले स्थान पर अंतिम प्रक्रियाएँ की जाती हैं। इस कार्यों में परोसने के स्थान पर कम से कम प्रक्रिया करने की आवश्यकता होती है।
  • उदाहरण के लिए गोलगप्पे। इसकी विशेषतायह है कि तैयार की गई वस्तु बहुत अधिक मात्रा में नहीं की जाती।

संयोजक (असेबंली) सेवा प्रणाली :-

  • मैं न्यू बनाने, खाद्य पदार्थों के चयन, बनाने और परोसने, आवश्यक उपकरणों का ज्ञान,
  • संगठनात्मक और प्रबंधक कौशल तथा सफल कार्मिक निदेशक।
  • सुनिश्चित कर सके की सफाई और स्वच्छता सर्वोत्तम है। लागत नियंत्रण की समुचित प्रणाली।
  • इकाई के भौतिक स्वरूप के लिए स्थान का बुद्धिमता से प्रयोग किया गया हो।
  • सुनिश्चित कर सके कि अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उचित कार्रवाई और विधियां प्रयोग में लाई जा रही है . सारी प्रक्रिया यथासंभव पर्यावरण हितैषी हो।

व्यंजन सूची नियोजन

व्यंजन सूची का अर्थ है पर परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की सूची। यह ग्राहक को यह बताती है कि उस रेस्टोरेंट या होटल में कौन कौन सी डिशेस या खाद्य पदार्थ कितने मूल्य में और दिन के किस समय में उपलब्ध होंगी आमतौर पर आसपास रहने वाले एवं बारंबार आने वाले ग्राहकों की पोषण संबंधी आदतों और संस्कृति के अनुसार बनाया जाता है।

व्यंजन सूची के कार्य

  • व्यंजन सूची के मुख्यतः दो कार्य है :
    • यह ग्राहक को सूचित करती है कि उसके लिए क्या उपलब्ध है।
    • भोजन प्रबंध स्टाफ को बताती है कि उन्हें क्या बनाना है।
  • मेनू कार्ड तीन तरह के विचारों को दिखाता है। ग्राहक को परोसे गए भोजन की मात्रा विविधता और स्वादिष्ट होने के साथ ही कीमत अदा होने का भी भाव मिलता है।
  • कर्मचारियों को जिन्हें लिखित व्यंजन सूची को वास्तविक खाद्य पदार्थ में बदलना होता है एवं प्रबंधन को जिन्हें लाभ अच्छी ख्याति और उनके प्रतिष्ठान पर ग्राहक के दोबारा आने की संतुष्टि होती है। एक मन्यू कार्ड रेस्टोरेंट की शैली को प्रतिबिंबित करता है।
  • आकर्षक और अच्छे डिजाइन वाली व्यंजन सूची बिक्री को बढ़ाती है और विज्ञापनसूची नियोजित करने के लाभ यह है कि श्रम बचाने वाली, समय बचाने वाली और लागत प्रभावी होती हैं व्यंजन सूची नियोजित करने के लाभ यह है कि यह कम श्रम, समय और लागत मैं तैयार हो जाता है।

भोजन सेवा प्रबंधन के लिए संसाधन

ये संसाधन सामान्यत : छ ‘ M ’ के रूप में जाने जाते हैं –

  • धन
  • सामग्री
  • मिनट
  • मशीनें
  • मार्केट
  • मनुष्य

प्रबंधन के कार्य

  • नियोजन
  • आयोजन
  • प्रतिनिधित्व
  • निर्देशन
  • प्रेरित करना
  • बजट बनाना
  • संपूर्ण प्रक्रम का समन्वय करना एवं रिपोर्टिंग करना

जीविका के लिए तैयारी करना

खाद्य सेवा उद्योग में सफलता के लिए आवश्यक कुछ व्यक्तिगत कौशल :-

  • भोजन में रूचि और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पाक कलाओं में होने वाले परिवर्तनों की नियमित जानकारी।
  • भोजन की गुणवत्ता, उत्पादन, स्वच्छता और खाद्य लागत नियंत्रण पर ध्यान देने की योग्यता।
  • उत्पादन के उच्च स्तर को स्थापित करना, बनाए रखना और लागू करने की योग्यता।
  • बहिरवादी और मैत्रीपूर्ण प्रवृत्ति, अच्छे आयोजन योग्यताएं और विस्तृत विवरण के लिए दृष्टि। मनोहर, प्रसन्न और ऊर्जावान व्यक्तित्व।
  • संप्रेषण क्षमता और पारस्परिक क्रिया पोषण। लंबे समय तक क्रियाशील रहने की क्षमता।
  • अंग्रेजी और पसंद की अन्य भाषाओं में अंग्रेजी और पसंद की अन्य भाषाओं की जानकारी और नियंत्रण।

कार्यक्षेत्र

  • अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय उद्योग में कार्य करने के लिए – तत्परता
  • समर्पण अभ्यास और निपुणता की आवश्यकता
  • दूर दृष्टि व्यवसायिक सोच वाले नौजवानों की आवश्यकता है।
  • भोजन सेवा व्यवसायि क कार्यक्षेत्र की मांग
  • अनगिनत व्यवसायिक सुविधाएं
  • सुंदर स्थानोंपर कार्य करने के अवसर

खानपान व्यवस्था और भोजन सेवा उद्योग में करियर

प्रकार विभिन्न के कैरियर के कुछ उदाहरण :-

  • यात्रा संबंधी परिवहन निकायों में भोजन प्रबंध जैसे वायुयान रेलगाड़ी समुद्री विहार इत्यादि।
  • विभिन्न स्तरों पर शेफ का कार्य
  • स्वयं का स्वतंत्र बिजनेस, मनोरंजन कैटरिंग, रेस्टोरेंट उद्योगों में भोजन प्रबंध
  • होटल, रेस्टोरेंट में विभिन्न स्तरों पर प्रबंधक का कार्य
  • स्वास्थ्य देखभाल उद्योग में कार्य अस्पताल
  • भोजन सेवा पर्यवेक्षकों का कार्य करना

जीविका (करिअर) के अवसर

  • भोजन – प्रबंध उद्योग में खाद्य सेवा पर्यवेक्षक, अल्पाहार-गृह प्रबंधक, भोजन – प्रबंधक, उत्पादन प्रबंधक, क्रय प्रबंधक और खाद्य सेवा निदेशक / सहायक खाद्य सेवा निदेशक के रूप में।
  • 3 सितारा से 7 सितारा होटलों, विशिष्ट भोजनालयों में शैफ़ (रसोइया) के रूप में।
  • विद्यालय, उद्योग और अस्पतालों के कैंटीन प्रभारी के रूप में।
  • मनोरंजन उद्यानों में भोजन – प्रबंध, राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय उद्यानों में भोजन – प्रबंध, साहसिक / पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए भोजन प्रबंध, थीम पार्टियों, उत्पादन शुभारंभ समारोहों, दावतों, सरकारी समारोहों के लिए भोजन प्रबंध।
  • प्रचार माध्यमों के प्रदर्शनों में अपने उद्यमशीलता संबंधी प्रयासों में।
  • पाक – विज्ञान में विशेषज्ञ
  • पत्र – पत्रिकाओं ब्लाग्स संचार माध्यमों के प्रदर्शनों के लिए लिखना।
  • परामर्श

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