पाठ – 5
खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी
In this post we have given the detailed notes of class 12 Home Science Chapter 5 खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी (Food Processing and Technology ) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams.
इस पोस्ट में क्लास 12 के गृह विज्ञान के पाठ 5 खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी (Food Processing and Technology ) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं गृह विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Home Science |
Chapter no. | Chapter 5 |
Chapter Name | खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी (Food Processing and Technology ) |
Category | Class 12 Home Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
Chapter – 5: खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी
खाद्य प्रसंस्करण का अर्थ
खाद्य प्रसंस्करण का अर्थ है खाद्य पदार्थों की जीवन अवधि को बढ़ाने के लिए उन्हें अलग अलग प्रक्रियाओं से गुजारा जाना जिसमें उनकी shelf – life बढ़ने के साथ साथ उनके मूल गुणों को भी लंबे समय तक बनाए रखा जा सकै। ऐसी प्रक्रियाएं खाद्य प्रसंस्करण कहलाती हैं।
प्रौदयोगिकी का अर्थ
प्रौदयोगिकी का अर्थ है विज्ञान द्वारा विकसित नई – नई तकनीकों के प्रयोग द्वारा ‘ खाद्य उत्पादन, गुणवत्ता, भंडारण, संरक्षण, एवं shelfLife को बढ़ाना एवं आसान बनाना।
खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी का इतिहास
- प्राचीन काल से भारत में फसल कटने पर अनाजों को सुखाया जाता है। जिनसे उनका जीवनकाल बढ़ जाता हैं। प्रारंभ में खाद्य पदार्थों का संसाधन उनकी सुपाच्यता, स्वाद सुधारने और निरंतर आपूर्ति बनाए रखने के लिए किया जाता था। भारत में अचार मुरब्बा और पापड़ संरक्षित उत्पादन के उदाहरण हैं जो कुछ फलों और सब्जियों या अनाजों से बनाए जाते हैं।
- समय बीतने के साथ – साथ उन्नत परिवहन, संचार और बढ़ते औद्योगीकरण ने ग्राहकों की आवश्यकताओं को और विविधता पूर्ण बना दिया और अब सुविधाजनक खाद्य पदार्थों, ताजे, अधिक प्राकृतिक, सुरक्षित और स्वाद स्वास्थ्यवर्धक खाद्य तथा पर्याप्त सुरक्षा काल वाले खाद्य पदार्थों की मोग बढ़ती जा रही है। ग्राहकों की इस मांग ने विज्ञान और तकनीक को खाद्य पदार्थों से जोड़ दिया।
खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी का महत्व
- भारत का कृषि उत्पादन बढ़ने के कारण भंडारण और प्रसंस्करण की आवश्यकता।
- भारतीय खाद्य उद्योग संसाधित खाद्य के प्रमुख उत्पादन के रूप में जीडीपी का 6 %।
- जीवनशैली में परिवर्तन आवागमन में वृद्धि और वैश्वीकरण के कारण विभिन्न उत्पादों की बढ़ती हुई मांग।
- आहार में पोषक तत्वों की कमी को प्रबलीकरण या फूड फोर्टिफिकेशन के द्वारा पूरा करना। आयोडीन युक्त नमक, फोलिक अम्ल युक्त आटा, विटामिन ई युक्त तेल या घी।
- खाद्य पदार्थों में ऊर्जा की मात्रा को कम करने के लिए एवं कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करने के लिए चीनी की जगह पर कृत्रिम मिठास का प्रयोग एवं आइसक्रीम में वसा की जगह उच्चारित प्रोटीन का प्रयोग।
खाद्य विज्ञान
यह एक विशेष क्षेत्र है जिसमें आधारभूत विज्ञान विषयों जैसे रसायन और भौतिकी, पाककला, कृषि विज्ञान और सूक्ष्म जीव विज्ञान के अनुप्रयोग शामिल हैं। इसमें फसल काटने से लेकर, भोजन पकाने एवं खाते की सभी तकनीकी पहली जुड़े हुए हैं। खाद्य वैज्ञानिक खाद्य के भौतिक रसायन पहलुओं से संबंध रखते हैं अतः हमें खाद्य की प्रकृति और गुणों को समझने में मदद करते हैं।
खाद्य संसाधन
यह ऐसी विधियों और तकनीकों का समूह है जो कच्ची सामग्री को तैयार या आधे तैयार उत्पाद में बदल देता है। यह खाद्य पदार्थों को आकर्षक विपणन योग्य और अक्सर लंबे सुरक्षा काल वाले खाद्य उत्पादों में बदल देता है।
खाद्य उत्पादन
इसमें खाद्य पदार्थों को बढ़ती हुई जनसंख्या की मांगे पूरी करने के लिए खाद्य प्रौद्योगिकी के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर तैयार कर दिया जाना।
खाद्य प्रौद्योगिकी
एक ऐसा विज्ञान है जिसमें वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के साथ – साथ सामाजिक, आर्थिक ज्ञान और उत्पादन के लिए कानूनी नियम व व्यावहारिक उपयोग होता है। सुरक्षित पोषण संपूर्ण वांछनीय के साथ साथ सस्ते, सुविधाजनक खाद्य पदार्थों के चयन, भंडारण एवं संरक्षण, संसाधन एवं पैक करने के कौशलों को विकसित करता है।
खाद्य संसाधन और प्रौद्योगिकी का विकास
- वर्ष 1810 में निकोलस एप्पर्ट द्वारा खाद्य पदार्थों को बंद करने की प्रक्रिया को विकसित करना एक निर्णायक घटना थी। बाद में वर्ष 1864 में लुई पास्चर द्वारा अंगूरी शराब के खराब होने पर शोध ” उसे खराब होने से कैसे बचाएं “ का वर्णन खाद्य प्रौद्योगिकी का पहला आधार था।
- पाश्चर ने अल्कोहल, सिर्रका अंगूरी शराब और बीयर के अलावा दूध के खट्टा होने पर भी शोध किया। उन्होंने रोग उत्पन्न करने वाले जीवो को नष्ट करने के लिए पाश्चरीकरण ( निर्जीवी करण ) प्रक्रम को विकसित किया। पाश्चरीकरण खाद्य की सूक्ष्म जीवो से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम था। सबसे पहले सेना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खाद्य प्रौद्योगिकी का उपयोग हुआ।
- समय के साथ – साथ 20 वीं सदी में कामकाजी महिलाओं के लिए, इसके साथ ही खाद्य उद्योग पोषण संबंधी मुद्दों पर ध्यान देने के लिए बाध्य हुआ। भोजन से जुड़ी मान्यताएं रुचियां बदली,। खाद्य प्रौद्योगिकीविदो ने नई तकनीकों का उपयोग कर सुरक्षित और ताजे खाद्य उपलब्ध कराने का प्रयास किया खाद्य प्रौद्योगिकी ने विविध प्रकार के सुरक्षित और सुविधाजनक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए हैं। तेजी से विकसित हो रहे इस क्षेत्र ने सभी स्तरों पर रोजगार क रास्ते भी खोल दिए हैं।
खाद्य संसाधन और संरक्षण का महत्व
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा खाद्य पदार्थों को रेडीमेड पदार्थों में बदला जाना।
- पदार्थों को अधिक उपयोगी सामग्री और लंबे समय तक स्थाई रहने योग्य और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों एवं पेय पदार्थों में बदलना।
- खाद्य पदार्थों के संसाधन करने से भंडारण, लाने ले जाने, स्वाद और सुविधा में बढ़ोतरी।
- खाद्य पदार्थों भोज्य और सुरक्षित रूप से संरक्षित करने के लिए खाद्य संसाधन और संरक्षण की आवश्यकता।
- सूक्ष्म जीवो से खराब होने से बचाना और उनकी SHELF LIFE बढ़ाना।
खाद्य पदार्थों का नष्ट होने से बचाने
खाद्य पदार्थों को नष्ट होने से बचाने के लिए संसाधित विधियों मूलभूत संकल्पना
- CO2,02 को नियंत्रित करना
- पीएच कम करना
- भंडारण के समय ताप कम करना
- ऊष्मा का अनुप्रयोग
- जल को हटाना
खाद्य पदार्थों का वर्गीकरण
संसाधन की सीमा और प्रकार के अनुसार खाद्य पदार्थों का वर्गीकरण :-
- कार्य मुल्क खाद्य पदार्थ
- संश्लेषित खाद्य पदार्थ
- खाद्य व्युत्पन्न पदार्थ
- फॉर्मूला बद्य खाद्य पदार्थ
- विनिर्मित खाद्य पदार्थ
- संरक्षित खाद्य पदार्थ
- चिकित्सी य खाद्य पदार्थ
करियर बनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रौद्योगिकी की शाखाएं
- पेय पदार्थ, मद्य निर्माण कारखाना
- अनाज और योजक पदार्थ
- समुद्री खाद्य
- वसा और तेल
- स्थायिकारी, परिरक्षक / रंग
- डेयरी उत्पाद, फल सब्जी संसाधन
करियर के लिए आवश्यक ज्ञान एवं कौशल
- खाद्य उद्योग में संसाधन एवं निर्माण का ज्ञान।
- उपभोक्ता बाजारों में शोध का ज्ञान।
- नई प्रौद्योगिकी का विकास।
- वर्तमान खाद्य उत्पादों में सुधार एवं नए उत्पादों का विकास।
- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना।
- सुरक्षा मॉनिटर करना।
- गुणवत्ता को नियंत्रित करना
- गुणवत्ता नियंत्रण करने की पद्धतियों में सुधार करना।
- लाभप्रद उत्पादन के लिए लागत निकालने का गुण।
- नियामक मामले।
- खाद्य प्रसंस्करण एवं प्रौद्योगिकी की विभिन्न शाखाओं में भिन्नता अनुसार संबंधित कौशल
जीविका (करिअर) के अवसर
- उत्पादन प्रबंधक
- परियोजना कार्यान्वयन
- विपणन और विक्रय अधिकारी
- संवेदी मूल्यांकन
- गुणवत्ता आश्वासन
- शोध और विकास, उत्पादन विकास
- परियोजना की वित्तीय व्यवस्था
- परियोजना का मूल्यांकन
- शिक्षण और शोध
- उद्यमशीलता विकास
- परामर्श
- उत्पादों का तकनीकी विपणन
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