सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था
In this post we have given detailed notes of class 12 Macro Economics Chapter 5 सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था (Government Budget and the Economy) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 12 board exams.
इस पोस्ट में क्लास 12 के समष्टि अर्थशास्त्र के पाठ 5 सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था (Government Budget and the Economy) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं अर्थशास्त्र विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Macro Economics (समष्टि अर्थशास्त्र) |
Chapter no. | Chapter 5 |
Chapter Name | सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था (Government Budget and the Economy) |
Category | Class 12 Economics Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
Chapter – 5 सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था
बजट
यह आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित व्ययों एवं अनुमानित प्राप्तियों का वार्षिक वित्तीय विवरण है।
बजट के मुख्य उद्देश्य
- संसाधनों का पुनः आवंटन
- आय व धन का पुनः वितरण
- आर्थिक स्थिरता
- सार्वजनिक उद्यमों का प्रबन्ध
- आर्थिक विकास
- निर्धनता एवं बेरोजगारी उन्मूलन
बजट के घटक
बजट को दो भागों में बाँटा जाता है :-
- राजस्व बजट
- पूँजीगत बजट
राजस्व बजट
राजस्व बजट सरकार की वित्तीय वर्ष में अनुमानित राजस्व प्राप्तियों व राजस्व व्यय का ब्यौरा है।
पूंजीगत बजट
पूंजीगत बजट एक वित्तीय वर्ष में अनुमानित पूंजीगत प्राप्तियों तथा अनुमानित पूंजीगत व्ययो का विवरण है।
बजट प्राप्तियाँ
इससे तात्पर्य एक वित्तीय वर्ष की अवधि में सरकार की सभी स्रोतों से अनुमानित मौद्रिक प्राप्तियों से है।
बजट प्राप्तियों को निम्न दो उप – वर्गों में बाँटा जा सकता है :-
- राजस्व प्राप्तियाँ
- पूँजीगत प्राप्तियाँ।
राजस्व प्राप्तियां
यह वह प्राप्तियां होती है जिनसे सरकार की परिसंपत्तियों में कोई कमी नहीं होती।
उदाहरण :- (सार्वजनिक क्षेत्र की उद्गमो कि आय)
पूंजीगत प्राप्तियां
यह वे प्राप्तियां होती है जिनसे सरकार की देयता उत्पन्न होती है।
उदाहरण :- (सरकार द्वारा ऋणों के माध्यम से कोष प्राप्त करना)
राजस्व प्राप्तियाँ ओर पूंजीगत प्राप्तियां में अंतर
राजस्व प्राप्तियाँ | पुँजीगत प्राप्तियाँ |
|
|
|
|
|
|
प्रत्यक्ष कर
प्रत्यक्ष कर वह कर है जो उसी व्यक्ति द्वारा दिया जाता है जिस पर वह कानूनी रूप में लगाया जाता है। इस कर का भार अन्य व्यक्तियों पर नहीं टाला जा सकता है।
उदाहरण :- आय कर, सम्पत्ति कर।
अप्रत्यक्ष कर
अप्रत्यक्ष कर वे कर हैं जो लगाए तो किसी एक व्यक्ति पर। जाते हैं किंतु इनका आंशिक या पूर्ण रूप से भुगतान किसी अन्य व्यक्ति को करना पड़ता है। इस कर का भार अन्य व्यक्तियों पर टाला जा सकता है।
उदाहरण :- बिक्री कर, मूल्य वृद्धि कर (VAT), GST
बजट व्यय
इससे तात्पर्य एक वित्तीय वर्ष की अवधि में सरकार द्वारा विभिन्न मदों के ऊपर की जाने वाली आनुमानित व्यय से है।
बजट व्यय के प्रकार
बजट व्यय को निम्न दो मुख्य उप वर्गों में बाँटा जाता है,
राजस्व व्यय
पूँजीगत व्यय
राजस्व व्यय
ये सरकार की परिसम्पत्तियों में वृद्धि नहीं करते हैं। ये सरकार के दायित्वों में कोई कमी नहीं करते हैं। जैसे – ब्याज का भुगतान, आर्थिक सहायता, कानून व्यवस्था बनाये रखने पर व्यय आदि। ये आवर्ती प्रकृति के होते हैं।
पूँजीगत व्यय
ये सरकार की परिसम्पत्तियों में वृद्धि करते हैं। सरकार के दायित्वों में कमी करते हैं। जैसे विद्यालय भवनों का निर्माण, पुराने ऋण का भुगतान, वित्तीय परिसम्पत्तियों का क्रय इत्यादि। ये आवर्ती प्रकृति के नहीं होते।
राजस्व घाटा
जब सरकार के कुल राजस्व व्यय उसकी कुल राजस्व प्राप्तियों से अधिक हो।
राजस्व घाटे के प्रभाव
- यह सरकार की भावी देनदारियों में वृद्धि करता है।
- यह सरकार के अनावश्यक व्ययों की जानकारी देता है।
- यह ऋणों के बोझ को बढ़ाता है।
राजकोषीय घाटा
कुल व्यय की उधार रहित कुल प्राप्तियों पर अधिकता।
राजकोषीय घाटा = कुल व्यय – उधार के बिना कुल बजट प्राप्तियाँ
राजकोषीय घाटे के प्रभाव
- यह मुद्रा स्फीति को बढ़ाता है।
- देश ऋण – जाल में फंस जाता है।
- यह देश के भावी विकास तथा प्रगति को कम करता है।
प्राथमिक घाटा
राजकोषीय घाटे में से ब्याज अदायगियों को घटाने से प्राथमिक घाटे का पता चलता है।
प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा – ब्याज अदायगियाँ
प्राथमिक घाटे के प्रभाव
- इससे पता चलता है कि भूतपूर्व नीतियों का भावी पीढ़ी पर क्या भार पड़ेगा।
- शून्य या प्राथमिक घाटे से अभिप्राय है कि सरकार पुराने ऋणों का ब्याज चुकाने के लिए उधार लेने को मजबूर है।
- यह ब्याज अदायगियों रहित राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए सरकार की उधार जरूरतों को दर्शाता है।
विनिवेश
सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री विनिवेश है।
We hope that class 12 Macro Economics chapter 5 सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था (Government Budget and the Economy) notes in Hindi helped you. If you have any query about class 12 Macro Economics chapter 5 सरकारी बजट एवं अर्थव्यवस्था (Government Budget and the Economy) notes in Hindi or about any other notes of class 12 Macro Economics in Hindi, so you can comment below. We will reach you as soon as possible…