पाठ – 6
जनसंख्या
In this post we have given the detailed notes of class 9 Social Science chapter 6 Population in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 9 board exams.
इस पोस्ट में कक्षा 9 के सामाजिक विज्ञान के पाठ 6 जनसंख्या के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 9 में है एवं सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Social Science (Geography) |
Chapter no. | Chapter 6 |
Chapter Name | जनसंख्या (Population) |
Category | Class 9 Social Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
Table of Content
पाठ 6 जनसंख्या
परिचय – हम और हमारी दुनिया:
- मनुष्य का महत्व: ज़रा सोचो, अगर धरती पर सिर्फ़ जानवर और पेड़-पौधे होते, तो क्या होता? क्या कोई घर, गाड़ी, किताबें या फ़ोन होते? नहीं ना! ये सब चीज़ें हम इंसानों ने बनाई हैं। हम ही संसाधनों का इस्तेमाल करके नई-नई चीज़ें बनाते हैं और दुनिया को बदलते हैं।
- जनसंख्या क्यों ज़रूरी है?: जनसंख्या सिर्फ़ लोगों की संख्या नहीं है। यह हमारे जीवन का आधार है। हम इंसान मिलकर समाज बनाते हैं, रिश्ते निभाते हैं, और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाते हैं। ‘संसाधन’, ‘आपदा’, ‘विकास’ – इन सब शब्दों का मतलब तभी है जब हम इंसान हैं।
- उदाहरण: मान लो, एक जंगल में आग लग जाती है। अगर वहाँ कोई इंसान नहीं है, तो यह सिर्फ़ एक प्राकृतिक घटना है। लेकिन अगर वहाँ कोई गाँव है, तो यह आग एक ‘आपदा’ बन जाती है, क्योंकि इससे लोगों को नुकसान हो सकता है।
भारत की जनसंख्या – कितने हैं हम?:
- भारत की जनसंख्या: 2011 में भारत में 121 करोड़ से ज़्यादा लोग रहते थे, जो पूरी दुनिया की आबादी का 17% से भी ज़्यादा है! इतने सारे लोग 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले हैं, जो पूरी दुनिया के ज़मीन का केवल 2.4% हिस्सा है।
- असमान वितरण: भारत में जनसंख्या हर जगह बराबर नहीं फैली है। कहीं बहुत भीड़ है, तो कहीं बहुत कम लोग रहते हैं।
- सबसे ज़्यादा आबादी: उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा लोग रहते हैं – लगभग 20 करोड़!
- सबसे कम आबादी: सिक्किम में केवल 6 लाख और लक्षद्वीप में तो सिर्फ़ 64 हज़ार लोग ही रहते हैं!
- राज्यों का महत्व: भारत के 5 सबसे ज़्यादा आबादी वाले राज्य हैं: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश। इन राज्यों में देश की लगभग आधी आबादी रहती है!
जनसंख्या घनत्व – कहाँ कितनी भीड़?:
- क्या होता है जनसंख्या घनत्व?: जनसंख्या घनत्व हमें बताता है कि एक वर्ग किलोमीटर में कितने लोग रहते हैं। यह समझने में मदद करता है कि किसी जगह कितनी भीड़ है।
- भारत का घनत्व: भारत दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले देशों में से एक है। 2011 में भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।
- उदाहरण:
- बिहार: बिहार में सबसे ज़्यादा भीड़ है – 1,102 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर! यहाँ इतनी भीड़ इसलिए है क्योंकि यहाँ ज़मीन उपजाऊ है और खेती अच्छी होती है।
- अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश में सबसे कम भीड़ है – केवल 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर! यहाँ पहाड़ी इलाका है, इसलिए यहाँ कम लोग रहते हैं।
जनसंख्या वृद्धि – हम बढ़ते जा रहे हैं!:
- बदलाव: जनसंख्या कभी स्थिर नहीं रहती, हमेशा बदलती रहती है। कभी बढ़ती है, कभी घटती है।
- भारत में वृद्धि: भारत की जनसंख्या 1951 में 36 करोड़ थी, जो 2011 में बढ़कर 121 करोड़ हो गई!
- तेज़ वृद्धि: 1951 से 1981 तक जनसंख्या बहुत तेज़ी से बढ़ी।
- धीमी वृद्धि: 1981 के बाद, बढ़ने की रफ़्तार थोड़ी कम हुई, लेकिन फिर भी जनसंख्या बढ़ती रही।
- कम रफ़्तार, ज़्यादा लोग: ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी जनसंख्या बहुत ज़्यादा है। अगर 100 करोड़ लोगों में से 1% भी बढ़ोतरी हो, तो भी 1 करोड़ लोग जुड़ जाएँगे!
- चुनौती: यह बढ़ोतरी हमारे संसाधनों और पर्यावरण के लिए एक चुनौती है।
जनसंख्या परिवर्तन के कारण – जन्म, मृत्यु और आना-जाना:
- तीन कारण: जनसंख्या में बदलाव के तीन मुख्य कारण हैं:
- जन्म दर: प्रति हज़ार लोगों में कितने बच्चे पैदा होते हैं, यह जन्म दर कहलाती है। भारत में जन्म दर हमेशा मृत्यु दर से ज़्यादा रही है, इसलिए जनसंख्या बढ़ रही है।
- मृत्यु दर: प्रति हज़ार लोगों में कितने लोग मरते हैं, यह मृत्यु दर कहलाती है। पहले मृत्यु दर बहुत ज़्यादा थी, लेकिन अब कम हो गई है, जिससे जनसंख्या बढ़ने लगी।
- प्रवास: लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना प्रवास कहलाता है। यह भी जनसंख्या को प्रभावित करता है।
- गाँव से शहर: भारत में ज़्यादातर लोग गाँव से शहर की ओर जाते हैं, क्योंकि शहरों में नौकरी और बेहतर ज़िंदगी की उम्मीद होती है।
किशोर जनसंख्या – हमारा भविष्य:
- किशोर कौन हैं?: भारत में 10 से 19 साल के बच्चों को किशोर कहा जाता है। ये बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं!
- बड़ी संख्या: भारत में किशोरों की संख्या बहुत ज़्यादा है – कुल जनसंख्या का पाँचवाँ हिस्सा!
- ज़रूरतें: इन बच्चों को पढ़ाई, स्वास्थ्य और सही पोषण की ज़रूरत होती है, ताकि ये बड़े होकर देश को आगे बढ़ा सकें।
- समस्याएँ: लेकिन, दुख की बात है कि भारत में कई किशोरों को
- पर्याप्त खाना नहीं मिलता।
- कई लड़कियाँ खून की कमी (एनीमिया) से पीड़ित हैं।
- हल: हमें इन बच्चों की ज़रूरतों पर ध्यान देना होगा, ताकि इनका भविष्य उज्जवल हो सके।
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति – एक बेहतर कल के लिए:
- परिवार नियोजन: भारत सरकार ने 1952 में परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया था, ताकि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सके।
- राष्ट्रीय नीति: 2000 में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाई गई, जिसका उद्देश्य है:
- 14 साल से कम उम्र के सभी बच्चों को मुफ़्त शिक्षा देना।
- बच्चों को होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना।
- लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाना।
- परिवार नियोजन को बढ़ावा देना।
- बेहतर भविष्य: यह नीति हमारे देश के बेहतर भविष्य के लिए बनाई गई है।
निष्कर्ष – हम सबकी ज़िम्मेदारी:
- जनसंख्या का महत्व: जनसंख्या हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारे संसाधनों, पर्यावरण और विकास को प्रभावित करती है।
- जागरूकता: हमें जनसंख्या के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए, ताकि हम
- अपने परिवार और समाज के लिए सही फैसले ले सकें।
- अपने देश के विकास में योगदान दे सकें।
मुख्य शब्द:
- जनसंख्या घनत्व
- जन्म दर
- मृत्यु दर
- प्रवास
- किशोर जनसंख्या
- राष्ट्रीय जनसंख्या नीति
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