पाठ – 2
संविधान निर्माण
In this post we have given the detailed notes of class 9 Social Science chapter 2 Constitutional Design in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 9 board exams.
इस पोस्ट में कक्षा 9 के सामाजिक विज्ञान के पाठ 2 संविधान निर्माण के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 9 में है एवं सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 9 |
Subject | Social Science (Political Science) |
Chapter no. | Chapter 2 |
Chapter Name | संविधान निर्माण (Constitutional Design) |
Category | Class 9 Social Science Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
पाठ 2 संविधान निर्माण
2.1 दक्षिण अफ्रीका में लोकतांत्रिक संविधान
- रंगभेद: यह नस्ली भेदभाव पर आधारित एक क्रूर व्यवस्था थी जो दक्षिण अफ्रीका में लंबे समय तक चली।
- इसमें गोरे लोगों को अश्वेतों से श्रेष्ठ माना जाता था और अश्वेतों के साथ भेदभाव किया जाता था।
- उन्हें वोट देने, अच्छी जगहों पर रहने, अच्छी शिक्षा पाने, और कई अन्य बुनियादी अधिकारों से वंचित रखा जाता था।
- रंगभेद के खिलाफ संघर्ष: अश्वेतों ने रंगभेद के खिलाफ लंबा और कठिन संघर्ष किया।
- इस संघर्ष में नेल्सन मंडेला का महत्वपूर्ण योगदान था, जिन्हें रंगभेद विरोधी आंदोलन का नेता माना जाता है।
- इस संघर्ष में कई अन्य लोग और संगठन भी शामिल थे, जैसे कि अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस।
- दुनिया भर के कई देशों ने भी रंगभेद की निंदा की और इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई।
- नए संविधान की ओर: रंगभेद विरोधी संघर्ष के कारण गोरी सरकार को अपनी नीतियां बदलनी पड़ीं।
- भेदभाव वाले कानूनों को वापस ले लिया गया और राजनैतिक बंदियों को रिहा कर दिया गया, जिसमें नेल्सन मंडेला भी शामिल थे।
- अंततः, एक नए संविधान का निर्माण हुआ जिसने सभी नस्लों के लोगों को समान अधिकार दिए।
- दक्षिण अफ्रीका का संविधान: यह संविधान सभी नस्लों के लोगों को समान अधिकार देता है और दुनिया भर में लोकतंत्र का एक मॉडल माना जाता है।
- इसने दक्षिण अफ्रीका में शांति और सद्भाव स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कहानी: नेल्सन मंडेला को रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने के लिए 27 साल जेल में रहना पड़ा। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अंततः दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का अंत हुआ और एक नए और न्यायपूर्ण संविधान का निर्माण हुआ।
2.2 हमें संविधान की ज़रूरत क्यों है?
- संविधान की आवश्यकता: संविधान समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए नियमों का एक समूह है।
- यह सरकार की शक्तियों को सीमित करता है ताकि वह मनमानी न कर सके।
- यह नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है ताकि उनके साथ अन्याय न हो।
- यह विभिन्न समूहों के बीच विवादों को सुलझाने और समाज में सद्भाव बनाए रखने में मदद करता है।
- दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण: दक्षिण अफ्रीका में संविधान ने विभिन्न नस्लों के लोगों को एक साथ शांति से रहने में मदद की।
- इसने अश्वेतों और गोरों के बीच भरोसा पैदा करने और पुराने घावों को भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- संविधान के कार्य:
- लोगों के बीच भरोसा और सहयोग विकसित करना।
- सरकार के गठन और शक्तियों को परिभाषित करना।
- नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना।
- अच्छे समाज के लिए आकांक्षाओं को व्यक्त करना।
2.3 भारतीय संविधान का निर्माण
- संविधान सभा: भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया था।
- यह सभा विभिन्न वर्गों, जातियों, धर्मों और क्षेत्रों के लोगों का प्रतिनिधित्व करती थी।
- इसके सदस्यों में कई प्रसिद्ध नेता थे, जैसे कि डॉ. भीमराव अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, आदि।
- चुनौतियाँ: भारत का संविधान निर्माण कई चुनौतियों के बीच हुआ।
- देश का विभाजन और उससे जुड़ी हिंसा ने एक बड़ा संकट पैदा कर दिया था।
- रियासतों का विलय भी एक मुश्किल काम था।
- संविधान की विशेषताएँ: भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- यह बहुत विस्तृत है और इसमें कई प्रावधान हैं।
- यह संविधान संशोधन के माध्यम से समय के साथ बदलती आवश्यकताओं के अनुसार ढल सकता है।
2.4 भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्य
- प्रस्तावना: संविधान की प्रस्तावना में संविधान के बुनियादी मूल्यों का उल्लेख है।
- ये मूल्य हैं: समाजवाद, पंथनिरपेक्षता, लोकतंत्र, न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व।
- संविधान का दर्शन: संविधान का दर्शन स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों पर आधारित है।
- यह दर्शन हमारे स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित है।
- संस्थाओं का स्वरूप: संविधान संस्थाओं के गठन और उनके कामकाज के तरीकों को परिभाषित करता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चले और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- संविधान देश का सर्वोच्च कानून है।
- संविधान नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और सरकार की शक्तियों को सीमित करता है।
- भारतीय संविधान संविधान सभा द्वारा बनाया गया था, जिसमें विभिन्न वर्गों के लोगों का प्रतिनिधित्व था।
- संविधान की प्रस्तावना में संविधान के बुनियादी मूल्यों का उल्लेख है।
- संविधान संशोधन के माध्यम से समय के साथ बदलती आवश्यकताओं के अनुसार ढल सकता है।
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