Unit – 4
In this post we have given the detailed notes of CUET Physical Education Unit 4 in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in CUET 2025 exams.
इस पोस्ट में हमने CUET शारीरिक शिक्षा यूनिट 4 के विस्तृत नोट्स हिंदी में दिए हैं। ये नोट्स उन छात्रों के लिए उपयोगी हैं जो CUET 2025 परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं।
Exam | CUET |
Subject | Physical Education |
Unit no. | 4 |
Chapter Name | योगाभ्यास की मूल बातें |
Category | CUET Physcial Education Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
योग और इसके तत्व
परिचय
योग एक प्राचीन भारतीय प्रणाली है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। यह शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करने का एक समग्र दृष्टिकोण है। योग में आसन, प्राणायाम, क्रिया, बंध, और ध्यान जैसी विभिन्न तकनीकें शामिल हैं। यह इकाई योग के विभिन्न पहलुओं जैसे सूर्यनमस्कार, आसन, प्राणायाम, क्रिया, बंध, योगनिद्रा और योग के नियमों पर केंद्रित है।
सूर्यनमस्कार
सूर्यनमस्कार एक 12-चरणीय योग प्रक्रिया है जो सूर्य को नमस्कार करने के लिए की जाती है। यह एक समग्र व्यायाम है जो शरीर को लचीला बनाता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है, और मानसिक शांति प्रदान करता है। इसे प्रातःकाल सूर्योदय के समय करना सर्वोत्तम माना जाता है।
सूर्यनमस्कार के 12 चरण:
- प्रणामासन (नमस्कार मुद्रा): दोनों हाथों को जोड़कर छाती के सामने रखें, सूर्य की ओर ध्यान केंद्रित करें।
- हस्तउत्तानासन (ऊपर उठे हाथ): हाथों को ऊपर उठाएं, पीछे की ओर झुकें।
- पादहस्तासन (हाथ-पैर छूना): आगे झुककर हाथों से पैरों को छूने का प्रयास करें।
- अश्व संचालनासन (घुड़सवारी मुद्रा): एक पैर पीछे ले जाएं, दूसरे पैर को मोड़ें।
- दंडासन (प्लैंक मुद्रा): शरीर को सीधा रखते हुए प्लैंक स्थिति में आएं।
- अष्टांग नमस्कार (आठ अंगों से नमस्कार): घुटने, छाती और ठुड्डी को जमीन पर टिकाएं।
- भुजंगासन (कोब्रा मुद्रा): छाती को ऊपर उठाएं, पीछे की ओर झुकें।
- अधोमुख श्वानासन (नीचे की ओर मुंह वाला कुत्ता): कूल्हों को ऊपर उठाएं, शरीर को V आकार में लाएं।
- अश्व संचालनासन (दूसरा पैर): दूसरे पैर को आगे लाएं।
- पादहस्तासन: फिर से आगे झुकें।
- हस्तउत्तानासन: हाथों को ऊपर उठाएं।
- प्रणामासन: प्रारंभिक स्थिति में लौटें।
लाभ:
- शरीर की लचीलापन और शक्ति बढ़ाता है।
- पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
- तनाव और चिंता को कम करता है।
- रक्त संचार को बढ़ाता है।
आसन
आसन योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो शरीर को स्थिर और आरामदायक स्थिति में लाने में मदद करते हैं। इन्हें विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है:
खड़े आसन
- उत्त्रीक्षासन (वृक्ष मुद्रा):
- एक पैर पर संतुलन बनाते हुए दूसरे पैर को पर रखें।
- हाथों को प्रणाम मुद्रा में सिर के ऊपर ले जाएं।
- लाभ: संतुलन, एकाग्रता और पैरों की मांसपेशियों को मजबूती।
- त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा):
- पैरों को फैलाकर एक त्रिकोण बनाएं, एक हाथ से पैर को छूएं, दूसरा हाथ ऊपर।
- लाभ: रीढ़ को लचीलापन, पाचन में सुधार।
- पादहस्तासन (हाथ-पैर छूना):
- आगे झुककर हाथों से पैरों को छूने का प्रयास।
- लाभ: हैमस्ट्रिंग को खींचता है, तनाव कम करता है।
- उत्कटासन (कुर्सी मुद्रा):
- घुटनों को मोड़कर कुर्सी पर बैठने की स्थिति बनाएं।
- लाभ: जांघों और नितंबों को मजबूत करता है।
- अर्धचक्रासन (आधा चक्र मुद्रा):
- पीछे की ओर झुकते हुए एक हाथ को ऊपर उठाएं।
- लाभ: रीढ़ को लचीलापन, छाती को खोलता है।
बैठे आसन
- उस्त्रासन (ऊंट मुद्रा):
- घुटनों पर बैठकर पीछे की ओर झुकें, हाथों से एड़ियों को छूएं।
- लाभ: छाती और कंधों को खोलता है।
- योगमुद्रासन:
- पद्मासन में बैठकर सिर को जमीन की ओर झुकाएं।
- लाभ: पाचन और मानसिक शांति।
- सिंहासन (शेर मुद्रा):
- घुटनों पर बैठकर मुंह खोलें, जीभ बाहर निकालें और शेर की तरह आवाज करें।
- लाभ: गले और चेहरे की मांसपेशियों को मजबूती।
- धनुरासन (धनुष मुद्रा):
- पेट के बल लेटकर पैरों को हाथों से पकड़ें, धनुष की तरह खींचें।
- लाभ: रीढ़ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- सुखासन (आसान बैठने की मुद्रा):
- क्रॉस-लेग्ड स्थिति में आराम से बैठें।
- लाभ: ध्यान और विश्राम के लिए उपयुक्त।
लेटे हुए आसन
- प्रोन (पेट के बल):
- मकरासन (मगरमच्छ मुद्रा): पेट के बल लेटकर कोहनियों पर आराम करें।
- लाभ: पीठ दर्द में राहत।
- शलभासन (टिड्डी मुद्रा): पैरों और छाती को ऊपर उठाएं।
- लाभ: पीठ और नितंबों को मजबूती।
- मकरासन (मगरमच्छ मुद्रा): पेट के बल लेटकर कोहनियों पर आराम करें।
- सुपाइन (पीठ के बल):
- विपरीतकरणी: पैरों को दीवार पर टिकाकर लेटें।
- लाभ: रक्त संचार और विश्राम।
- सर्वांगासन (कंधा स्टैंड): कंधों पर संतुलन बनाकर पैर ऊपर उठाएं।
- लाभ: थायरॉयड और मस्तिष्क के लिए लाभकारी।
- विपरीतकरणी: पैरों को दीवार पर टिकाकर लेटें।
उन्नत आसन
- उत्कटासन (गहरा कुर्सी आसन):
- गहरी कुर्सी स्थिति में लंबे समय तक रहें।
- लाभ: सहनशक्ति और पैरों की मांसपेशियों को मजबूती।
- कुकुटासन (मुर्गा मुद्रा):
- पद्मासन में बैठकर हाथों पर संतुलन बनाएं।
- लाभ: बाहों और कोर की मजबूती।
क्रिया
कपालभाति:
- यह एक श्वास-प्रश्वास की सफाई प्रक्रिया है जिसमें तेजी से सांस छोड़ने और स्वाभाविक रूप से सांस लेने की प्रक्रिया शामिल है।
- तकनीक: आराम से बैठें, तेजी से पेट को अंदर की ओर खींचते हुए सांस छोड़ें।
- लाभ:
- फेफड़ों की सफाई।
- एकाग्रता और ऊर्जा में वृद्धि।
- पाचन में सुधार।
- सावधानी: उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले व्यक्तियों को सावधानी बरतनी चाहिए।
बंध
उड्डियान बंध:
- पेट को अंदर की ओर खींचने की तकनीक।
- तकनीक: सांस को पूरी तरह छोड़ें, पेट को रीढ़ की ओर खींचें।
- लाभ:
- पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।
- कोर मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- ऊर्जा प्रवाह को बढ़ाता है।
- सावधानी: गर्भवती महिलाओं और पेट की सर्जरी के बाद इसे नहीं करना चाहिए।
प्राणायाम
प्राणायाम श्वास नियंत्रण की तकनीक है जो मन और शरीर को शांत करती है।
- भ्रामरी:
- मधुमक्खी की तरह सांस लेने की तकनीक।
- तकनीक: कानों को बंद करें, सांस लेते हुए भिनभिनाने की आवाज करें।
- लाभ: तनाव कम करता है, एकाग्रता बढ़ाता है।
- शीतली:
- जीभ को मोड़कर सांस लेना।
- लाभ: शरीर को ठंडक प्रदान करता है, गुस्से को शांत करता है।
- शीतकारी:
- दांतों के बीच से सांस लेना।
- लाभ: मानसिक शांति और ठंडक प्रदान करता है।
योगनिद्रा
योगनिद्रा एक गहरी विश्राम तकनीक है जो शरीर और मन को पूर्ण विश्राम प्रदान करती है। इसे “योगिक निद्रा” भी कहा जाता है।
- तकनीक:
- पीठ के बल लेटें, शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ें।
- मार्गदर्शन के साथ विभिन्न अंगों पर ध्यान केंद्रित करें।
- सचेत और अचेतन अवस्था के बीच रहें।
- लाभ:
- तनाव और चिंता को कम करता है।
- नींद की गुणवत्ता में सुधार।
- मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है।
- सावधानी: इसे शांत वातावरण में करें।
योग के नियम
योग करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो और चोट से बचा जा सके।
क्या करें:
- खाली पेट योग करें: भोजन के 2-3 घंटे बाद योग करना सर्वोत्तम है।
- शांत वातावरण: योग के लिए शांत और हवादार स्थान चुनें।
- उचित पोशाक: ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।
- नियमित अभ्यास: रोजाना योग करने से अधिक लाभ मिलता है।
- सही तकनीक: प्रशिक्षक की देखरेख में सही तरीके से आसन करें।
- श्वास पर ध्यान: श्वास और आसन का तालमेल बनाए रखें।
क्या न करें:
- जल्दबाजी न करें: आसनों को धीरे-धीरे और सावधानी से करें।
- अधिक बल न लगाएं: शरीर की सीमा से अधिक खिंचाव न करें।
- बीमारी में परहेज: गंभीर बीमारी या चोट के दौरान योग न करें।
- भारी भोजन के बाद योग: इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- तुलना न करें: प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता अलग होती है।
निष्कर्ष
योग एक समग्र जीवन शैली है जो शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देती है। सूर्यनमस्कार, आसन, प्राणायाम, क्रिया, बंध और योगनिद्रा जैसे तत्व योग के अभ्यास को पूर्ण करते हैं। नियमित अभ्यास और सही तकनीक के साथ, योग जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बना सकता है। योग के नियमों का पालन करके और सावधानियां बरतकर, कोई भी व्यक्ति इसके लाभों को प्राप्त कर सकता है।
We hope that CUET Physical Education Unit 4 notes in Hindi helped you. If you have any query about CUET Physical Education Unit 4 notes in Hindi or about any other notes of Physical Education in Hindi, so you can comment below. We will reach you as soon as possible…