रजनी (CH- 17) Detailed Summary || Class 11 Hindi आरोह (CH- 17) ||

पाठ – 17

रजनी

In this post we have given the detailed notes of class 11 Hindi chapter 17 रजनी These notes are useful for the students who are going to appear in class 11 board exams

इस पोस्ट में क्लास 11 के हिंदी के पाठ 17 रजनी के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं हिंदी विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectHindi (आरोह)
Chapter no.Chapter 17
Chapter Nameरजनी
CategoryClass 11 Hindi Notes
MediumHindi
Class 11 Hindi Chapter 17 रजनी

Chapter – 17 रजनी

मन्नू भंडारी

सारांश

पटकथा यानी पट या स्क्रीन के लिए लिखी गई वह कथा रजत पट अर्थात् फिल्म की स्क्रीन के लिए भी हो सकती है और टेलीविजन के लिए भी। मूल बात यह है कि जिस तरह मंच पर खेलने के लिए नाटक लिखे जाते हैं, उसी तरह कैमरे से फिल्माए जाने के लिए पटकथा लिखी जाती है। कोई भी लेखक अन्य किसी विधा में लेखन करके उतने लोगों तक अपनी बात नहीं पहुँचा सकता, जितना पटकथा लेखन द्वारा। इसका कारण यह है कि पटकथा शूट होने के बाद धारावाहिक या फिल्म के रूप में लाखों-करोड़ों दर्शकों तक पहुँच जाती है। इसी कारण पटकथा लेखन की ओर लेखकों का रुझान हुआ है। यहाँ मन्नू भंडारी द्वारा लिखित रजनी धारावाहिक की कड़ी दी जा रही है। यह नाटक 20वीं सदी के नवें दशक का बहुचर्चित टी.वी. धारावाहिक रहा है। यह वह समय था जब हमलोग और बुनियाद जैसे सोप ओपेरा दूरदर्शन का भविष्य गढ़ रहे थे। बासु चटर्जी के निर्देशन में बने इस धारावाहिक की हर कड़ी स्वयं में स्वतंत्र और मुकम्मल होती थी और उन्हें आपस में गूँथने वाली सूत्र रजनी थी। हर कड़ी में यह जुझारन और इंसाफ-पसंद स्त्री-पात्र किसी-न-किसी सामाजिक- राजनीतिक समस्या से जूझती नजर आती थी।

यहाँ रजनी धारावाहिक की जो कड़ी दी जा रही है, वह व्यवसाय बनती शिक्षा की समस्या की ओर समाज का ध्यान खींचती है।

पहला दृश्य-

स्थान-लीला का घर

रजनी लीला के घर जाती है तथा उससे बाजार चलने को कहती है। लीला उसे बताती है कि अमित का आज रिजल्ट आ रहा है। रजनी उसे मिठाई तैयार रखने को कहती है, क्योंकि अमित बहुत होशियार है। अमित के लिए रजनी आंटी हीरो है। तभी अमित स्कूल से आता है। उसका चेहरा उतरा हुआ है। वह रिपोर्ट कार्ड माँ की तरफ फेंकते हुए कहता है कि मैंने पहले ही गणित में ट्यूशन लगवाने को कहा था। ट्यूशन न करने की वजह से उसे केवल 72 अंक मिले, लीला कहती है कि तूने सारे सवाल ठीक किए थे। तुझे पंचानवे नंबर जरूर मिलने थे। रजनी कार्ड देखती है। दूसरे विषयों में 86, 80, 88, 82, 90 अंक मिले। सबसे कम गणित में मिले। अमित गुस्से व दुख से कहता है कि सर बार-बार ट्यूशन की चेतावनी देते थे तथा न करने पर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी देते थे। लीला इसे अंधेरगर्दी कहती है। रजनी अमित को तसल्ली देती है तथा सारी बातों की जाँच करती है। उसे पता चलता है कि मिस्टर पाठक उन्हें गणित पढ़ाते हैं। वे हर बच्चे को ट्यूशन लेने के लिए कहते हैं। अमित ने हाफ ईयरली में छियानबे नंबर लिए थे। अध्यापक ने फिर भी उसे ट्यूशन रखने का आग्रह किया। अमित अपनी माँ पर इसका दोषारोपण किया। रजनी उसे समझाती है कि उसे अध्यापक से लड़ना चाहिए। यह सारी बदमाशी उसकी है। रजनी अमित को कहती है कि वह कल उसके स्कूल जाकर सर से मिलेगी। अमित डरकर उन्हें जाने से रोकता है। रजनी उसे डाँटती है तथा अगले दिन स्कूल जाने का संकल्प लेती है।

दूसरा दृश्य-

स्थान-हैडमास्टर का कमरा।

रजनी अमित के स्कूल के हैडमास्टर से मिलने गई। उसने अमित सक्सेना की गणित की कापी देखने की अनुमति माँगी। हैडमास्टर ने वार्षिक परीक्षा की कॉपियाँ दिखाने में असमर्थता दिखाई। रजनी कहती है कि अमित ने मैथ्स में पूरा पेपर ठीक किया था, परंतु उसे केवल बहत्तर अंक मिले। वह देखना चाहती है कि गलती किसकी है। हैडमास्टर फिर भी कॉपी न दिखाने पर अड़ा रहता है और अमित को दोषी बताता है। रजनी कहती है कि अमित के पिछले रिजल्ट बहुत बढ़िया हैं। इस बार उसके नंबर किस बात के लिए काटे गए। हैडमास्टर नियमों की दुहाई देते हैं तो रजनी व्यंग्य करती है कि यहाँ होशियार बच्चों को भी ट्यूशन लेने के लिए मजबूर किया जाता है। हैडमास्टर ट्यूशन को टीचर्स व स्टूडेंट्स का आपसी मामला बताता है। वे इनसे अलग रहते हैं। रजनी उसे कुर्सी छोड़ने के लिए कहती है ताकि ट्यूशन के काले धंधे को रोका जा सके। हैडमास्टर आग-बबूला होकर रजनी को वहाँ से चले जाने को कहता है।

तीसरा दृश्य-

स्थान-रजनी का घर

शाम के समय रजनी के पति घर आते हैं। वह उनके लिए चाय लाती है, फिर उन्हें अपने काम के बारे में बताती है। इस पर रवि उसे समझाते हैं कि टीचर ट्यूशन करें या धधा। तुम्हें क्या परेशानी है। तुम्हारा बेटा तो अभी पढ़ने नहीं जा रहा। इस बात पर रजनी भड़क जाती है और कहती है कि अमित के लिए आवाज क्यों नहीं उठानी चाहिए। अन्याय करने वाले से अधिक दोषी अन्याय सहने वाला होता है। तुम्हारे जैसे लोगों के कारण इस देश में कुछ नहीं होता।

चौथा दृश्य-

स्थान-डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन का कार्यालय।

रजनी दफ्तर के बाहर बेंच पर बैठी अधिकारी से मिलने की प्रतीक्षा कर रही है। वह बैचेन हो रही है। प्रतीक्षा करते-करते जब बहुत देर हो जाती है तो वह बड़बड़ाने लगती है। तभी एक आदमी आता है तथा स्लिप के नीचे पाँच रुपये का नोट रखकर देता है। चपरासी उसे तुरंत अंदर भेजता है। रजनी यह देखकर क्रोधित होती है। वह चपरासी को धकेलकर अंदर चली जाती है। निदेशक उसे घंटी बजने पर अंदर आने की बात कहता है। रजनी उसे खरी-खोटी सुनाती है। इस पर निदेशक उससे बात करता है। रजनी प्राइवेट स्कूलों और बोर्ड के आपसी संबंधों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है। निदेशक समझता है कि शायद वह कोई रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। वह बताता है कि बोर्ड मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों को 90% ग्रांट देता है। इस ग्रांट के बदले वे स्कूलों पर नियंत्रण रखते हैं। स्कूलों को उनके नियम मानने होते हैं। इस पर रजनी कहती है कि प्राइवेट स्कूलों में ट्यूशन के धंधे के बारे में आपका क्या रवैया है। निदेशक कहता है कि इसमें धंधे जैसी कोई बात नहीं है। कमजोर बच्चे के माँ-बाप उसे ट्यूशन दिलवाते हैं। यह कोई मजबूरी नहीं है। इस पर रजनी उसे बताती है कि होशियार बच्चों को भी ट्यूशन लेने के लिए मजबूर किया जाता है। अगर ट्यूशन न ली जाए तो उसके नंबर कम दिए जाते हैं। हैडमास्टर ऐसे टीचर के खिलाफ एक्शन लेने से परहेज करता है। क्या आपको ऐसे रैकेट बंद करने के लिए दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए? इस पर निदेशक कहता है कि आज तक कोई शिकायत नहीं आई। रजनी व्यंग्य करती है कि बिना शिकायत के आपको कोई जानकारी नहीं होती। निदेशक अपनी व्यस्तता का तर्क देता है तो रजनी उसे कहती है-मैं आपके पास शिकायतों का ढेर लगवाती हूँ।

पाँचवाँ दृश्य-

स्थान-अखबार का कार्यालय

रजनी संपादक के पास जाती है। संपादक उनके कार्य की प्रशंसा करता है और कहता है कि आपने ट्यूशन के विरोध में बाकायदा एक आंदोलन खड़ा कर दिया। यह जरूरी है। रजनी जोश में कहती है कि आप हमारा साथ दीजिए तथा इसे अपने समाचार में स्थान दें। इससे यह थोड़े लोगों की बात नहीं रह जाती। इससे अनेक अभिभावकों को राहत मिलेगी तथा बच्चों का भविष्य सँवर जाएगा।

संपादक रजनी की भावनाएँ समझकर साथ देने का वादा करता है। उसने सारी बातें नोट की तथा एक समाचार भिजवाया। रजनी उसे बताती है कि 25 तारीख को पेरेंट्स की मीटिंग की जा रही है। वे यह सूचना अखबार में जरूर दे दें तो सब लोगों को सूचना मिल जाएगी।

छठा दृश्य-

स्थान-बैठक-स्थल

एक हाल में पेरेंट्स की मीटिंग चल रही है। बाहर बैनर लगा हुआ है। काफी लोग आ रहे हैं। अंदर हाल भरा हुआ है। प्रेस के लोग आते हैं। रजनी जोश में संबोधित कर रही है-आपकी उपस्थिति से हमारी मंजिल शीघ्र मिल जाएगी। कुछ बच्चों को ट्यूशन जरूरी है, क्योंकि कुछ माएँ पढ़ा नहीं सकतीं तो कुछ पिता घर के काम में मदद जरूरी नहीं समझते। टीचर्स के एक प्रतिनिधि ने बताया कि उन्हें कम वेतन मिलता है। अत: उन्हें ट्यूशन करना पड़ता है। कई जगह कम वेतन देकर अधिक वेतन पर दस्तखत करवाए जाते हैं। इस पर हमारा कहना है कि वे संगठित होकर आदोलन चलाएँ तथा अन्याय का पर्दाफाश करें। हम यह नियम बनाएँ कि स्कूल का टीचर अपने स्कूल के बच्चों का ट्यूशन नहीं करेगा। इस नियम को तोड़ने वाले टीचर्स के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। इससे बच्चों के साथ जोर-जबरदस्ती अपने-आप बंद हो जाएगी। सभा में लोगों ने इस बात का समर्थन किया।

सातवाँ दृश्य-

स्थान-रजनी का घर

रजनी के पति अखबार पढ़ते हुए बताते हैं कि बोर्ड ने तुम्हारे प्रस्ताव को ज्यों-का-त्यों स्वीकार कर लिया। रजनी बहुत प्रसन्न होती है। पति भी उस पर गर्व करते हैं। तभी लीला बेन, कांतिभाई और अमित मिठाई लेकर वहाँ आते हैं।

We hope that class 11 Hindi Chapter 17 रजनी notes in Hindi helped you. If you have any query about class 11 Hindi Chapter 17 रजनी notes in Hindi or about any other notes of class 11 Hindi Notes, so you can comment below. We will reach you as soon as possible…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Clasş9th, 10th, 11th and 12th PDF Notes (Hindi & English Medium)