पाठ – 1
शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर
In this post we have given the detailed notes of class 11 Physical Education chapter 1 शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर (Changing trends and career in physical education) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 11 board exams.
इस पोस्ट में कक्षा 11 के शारीरिक शिक्षा के पाठ 1 शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर (Changing trends and career in physical education) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं शारीरिक शिक्षा विषय पढ़ रहे है।
Board | CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board |
Textbook | NCERT |
Class | Class 11 |
Subject | Physical Education |
Chapter no. | Chapter 1 |
Chapter Name | शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर (Changing trends and career in physical education) |
Category | Class 11 Physical Education Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
Chapter – 1 शारीरिक शिक्षा में बदलती प्रवृत्तियाँ और कैरियर
शारीरिक शिक्षा का अर्थ
शारीरिक शिक्षा, शिक्षा पद्धति का अभिनन अंग है जिसका उद्देश्य नागरिको को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा सामाजिक रूप से, शारीरिक गतिविधियों के माध्यमों से, जो कि उनकी गतिविधियों के परिणामों को दृष्टिगत रखकर चुनी गई हों, उन्हें योग्य बनाना है।
शारीरिक शिक्षा की परिभाषा
वास्तव में शारीरिक शिक्षा शब्द बहुत कठिन एवं विस्तृत आधार वाला है। समय के साथ – साथ इसके अर्थ में भी बदलाव आया। इसके अर्थ को निम्न परिभाषाएँ स्पष्ट करती है।
- चार्ल्स ए . बुचर के अनुसार:- “ शारीरिक शिक्षा, शिक्षा पद्धति का एक अभिन्न अंग हैं, जिसका उद्देश्य नागरिकों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा सामाजिक रूप से शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से, जो गतिविधियाँ उनके परिणामों को दृष्टिगत रखकर चुनी गई हों, सक्षम बनाना है।
- कैसिडी के अनुसार:- शारीरिक क्रियाओं पर केन्द्रित अनुभवों द्वारा जो परिवर्तन मानव में आते हैं वे शारीरिक शिक्षा कहलाते हैं।
शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य एवं उद्देश्य
लक्ष्य:-
- शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति का विकास करना है। दूसरे शब्दों में कहें तो शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य व्यक्ति की सम्पूर्ण योग्यता को विकसित करना है, जिससे वह अपना तथा समाज का भला ( फायदा ) कर सके।
- पूर्ण रूप में जीना ही शारीरिक शिक्षा का लक्ष्य है। वैसे शारीरिक शिक्षा के इस लक्ष्य को प्राप्त करना आसान नहीं है। शारीरिक शिक्षा के इस लक्ष्य को सीढ़ी – दर – सीढ़ी प्राप्त किया जाता है, लेकिन लक्ष्य एक होता है जिसके बिना कोई कार्य सफल नहीं होता। इसलिए लक्ष्य का होना और प्रयास करना जरूरी है।
उद्देश्य:-
- शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य एक कुशल एवं योग्य नेतृव्य देना तथा ऐसी सुविधाएं प्रदान करना है जो किसी एक व्यक्ति या समुदाय को कार्य करने का अवसर दें और वे सभी क्रियाओं में शारीरिक रूप से व मानसिक रूप से उत्तेजक एवं सन्तोषजनक और सामाजिक रूप से निपुण हों।
शारीरिक शिक्षा में कैरियर विकल्प
शिक्षण संबंधित कैरियर
- प्राथमिक विद्यालय स्तर
- माध्यमिक विद्यालय स्तर
- वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्तर
- महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर
प्रशिक्षण कैरियर
- प्रशासन संबंधित कोर्स
- शारीरिक शिक्षा विभाग
- खेल विभाग
- औद्योगिक मनोरंजन
- खेल सुविधाओं का प्रबंधन
स्वास्थ्य संबंधी कैरियर
- हेल्थ क्लिव
- एथलैटिक ट्रेनिंग
प्रदर्शन सम्बन्धित कैरियर
- खिलाड़ी के रूप में
- अधिकारी के रूप में
संचार माध्यमों में कैरियर
- खेल पत्रकारिता
- पुस्तक लेखन
- खेल फोटो ग्राफी
- पुस्तक प्रकाशन
- खेल प्रसारण
विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय
भारत बहुत विविधता वाला देश है। तो यह कथन खेल पर भी लागू होता है वास्तव में इतनी बड़ी जनसंख्या वाला देश है तो विभिन्न खेलों में भी देश की रुचि दिखाई देती है।
खेल एवं युवा मंत्रालय
- भारत खेलो की देख रेख की जिम्मेदारी खेल एवं युवा मंत्रालय की है। इस मंत्रालय की स्थापना नई दिल्ली में एशियाई खेलों के आयोजन के समय की गई थी। इसका नाम अंतर्राष्ट्रीय युवा के आयोजन के दौरान युवा कार्य और खेल विभाग रखा गया था और बाद में मंत्रालय बनाया गया।
- इस मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न खेल गठन कार्य करते हैं जैसे ( SAI ) ( स्पोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया ) भारतीय खेल प्राधिकरण राष्ट्रय स्तर पर प्रतिभा की खोज करना उन्हें प्रशिक्षण देना, विभिन्न सुविधाएँ प्रदान करना आदि कार्य करती हैं।
- 10A Indian Olympic Association ओलम्पिक में भारत की प्रतिभागिता के लिए जिम्मेदार हैं साथ ही प्रमुख खेल जैसे कॉमनवेल्थ गेम्स एशियन गेम्स, साउथ एशियन फैडेरेशन गेम्स, ओलम्पिक एवं गैर ओलम्पिक खेलों की देखरेख की जिम्मेदारी भी करती है। हर एक खेल की एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था होती है जो उसके हर पहलू का कार्यभार संभालती है।
खेल संस्थाओं के मुख्य कार्य
- विभिन्न टीमों व खिलाड़ियों को चयन करना।
- छात्रवृत्ति टीमों व खिलाड़ियों के नाम देना।
- अपने निम्न सस्थाओं ( राज्य स्तर की ) के कार्य प्रणाली देखना।
- खेलों को प्रोत्साहन देना।
- खिलाड़ियों के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
- विभिन्न उपकरणों की व्यवस्था करना।
- विभिन्न संस्थाओं से समन्व्य बनाना।
- खेलों का बजट तैयार करना।
- विभिन्न पुरुस्कार जैसे राजीव गाँधी खेल करना, अर्जुन अर्वाड द्रोणाचार्य अवार्ड आदि के लिये खिलाड़ियों के नाम देना।
- समय – समय पर विभिन्न प्रतियोगिताएँ कराना।
- समय पर अपनी संस्था के मतदान कराना।
- अपनी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से समन्व्य बनाना।
- अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा बनाए गये या संशोधित नियमों का पालन करना व राष्ट्रीय स्तर पर लागू करना।
- नई प्रतिभाओं की खोज करके उन्हें बड़े स्तर की प्रतियोगिताओं के लिये तैयार करना।
खेलों इंडिया कार्यक्रम
- एक स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज बनता है, स्वस्थ समाज से स्वस्थ देश का निर्माण होता हैं। स्वस्थ रहने के लिये खेलों का होना आवश्यक हो जाता है इसी सोच के साथ आज के समय में खेलों का महत्त्व समझते हुए भारत सरकार ने खेल संस्कृति की शुरूआत की।
- इसके अंतर्गत ज़मीनी स्तर पर मजबूत खेल स्तर बनाने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम की शुरूआत की गयी जिसे ‘ खेलों भारत ‘ का नाम दिया गया। जिससे भारत की भी एक खेल राष्ट्र के रूप में पहचान बन सके।
- खेलों भारत कार्यक्रम 2018 में नई दिल्ली में हुए एवं पहला आयोजन खेलों भारत स्कूल गेम्स ‘ 31 जनवरी 2.18 से 8 फरवरी 2018 तक नई दिल्ली में किया गया। इसमें 17 साल तक के खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसके अर्न्तगत 16 खेलों का आयोजन हुआ।
जो निम्न प्रकार है:-
तीरंदाजी –
- तीरंदाजी यह एक आउटडोर व इनडोर दोनों प्रकार से खेला जाने वाला खेल है, यह खेल विश्व भर में प्रसिद्ध है, यह एक ओलिंपिक खेल है। वर्तमान समय में यह केवल एक स्पोर्ट्स ही रह गया है। परन्तु पहले राजा व महाराजा अनेक युद्धो में तीरंदाजी को महत्व पूर्ण स्थान दिया जाता था। परन्तु इसे अब एक खेल के रूप में जाना जाता है।
बेडमिन्टन –
- बैडमिंटन रैकेट से खेला जानेवाला एक खेल है, जो दो विरोधी खिलाडियों (एकल) या दो विरोधी जोड़ों (युगल) द्वारा नेट से विभाजित एक आयताकार कोर्ट में आमने-सामने खेला जाता है खिलाड़ी अपने रैकेट से शटलकॉक को मारकर के अपने विरोधी पक्ष के कोर्ट के आधे हिस्से में गिराकर प्वाइंट्स प्राप्त करते हैं।
बोक्सिंग –
- बॉक्सिंग से ब्लड सर्कुलेशन इम्प्रूव होता है और शरीर के टॉक्सिंस दूर होते हैं। इससे स्किन हेल्दी रहती है। जब आप बॉक्सिंग करते हैं तो आपके हाथ, कंधे, पैर और कोर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। हाथ-पैरों में होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करने में यह वर्कआउट फायदेमंद होता है।
जिमनास्टिक्स –
- जिम्नास्टिक एक ऐसा खेल है जिसमें वे शारीरिक व्यायाम शामिल हैं जिनमें संतुलन, शक्ति, लचीलापन, चपलता, समन्वय, समर्पण और धीरज की आवश्यकता होती है। जिम्नास्टिक के लिए हाथ, पैर, कंधे, पीठ, छाती और पेट की विकसित की गई मजबूत मांसपेशियों का अहम योगदान होता है।
जूडो –
- जूडो खेलने के लिए दोनो खिलाड़ी रिंग में आते हैं और जज और रैफरी का अभिवादन करते हैं. रेफरी के इशारे पर खेल शुरू होता है और दोनों खिलाड़ी अलग-अलग दांव पेंच लगाकर एक-दूसरे को आगे-पीछे धकेलते हैं. खिलाड़ी जब विरोधी की पकड़ से खुद को आजाद नहीं करा पाते हैं तब खिलाड़ी हार मान लेता है
खो – खो –
- प्रत्येक पारी में दो टर्न होते हैं, जो नौ मिनट तक खेली जाती है। इसमें टीमें पीछा और बचाव करती हैं। दो पारियों के अंत में सबसे अधिक अंक वाली टीम मैच जीत जाती है। यदि मैच के अंत में दोनों टीमों के अंक बराबर होते हैं, तो विजेता का फैसला करने के लिए एक अतिरिक्त पारी खेली जाती है।
स्वीमिंग –
- तरण या तैराकी एक जलक्रीड़ा है। इसके अन्तर्गत अपने हाथ-पैर की सहायता से जल में गति करना होता है जो किसी कृत्रिम साधन के बिना किया जाता है। तैराकी मनोरंजन भी है और स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकार भी।
- आप अपने अवयवों को पानी में ढीला छोड़ दीजिए और आकाश की ओर देखते हुए पानी में लेट जाइए, आपको यह देखकर आश्चर्य होगा कि आप डूबते नहीं हैं। पानी में स्थिर रहने का यह ढंग पहले सीखना चाहिए।
भारोत्तोलन –
- भारोत्तोलन ताक़त और तकनीक की परीक्षा से संबंधित एक प्रकार का खेल है, खिलाड़ी को अच्छी सेहत के साथ ही मानसिक तौर पर भी मज़बूत होने की ज़रूरत होती है। चोटी के भारोत्तोलक अपने वज़न से तीन गुना ज़्यादा तक भार उठा लेते हैं। भारोत्तोलन में दो तरह की तकनीकों का इस्तेमाल होता है।
ऐथलेटिक्स –
- एथलेटिक्स विभिन्न प्रकार के खेलों को कवर करने वाले ट्रैक और फील्ड इवेंट्स का एक समूह है, जिसमें अलग-अलग तरह के विषय शामिल रहते है, इसमें दौड़ने, चलने, कूदने और फेंकने जैसे खेल शामिल हैं।
बास्केट बाल –
- एक प्रकार का खेल जिसमें गेंद को बास्केट में डालते हैं:”बास्केटबाल पाँच-पाँच खिलाड़ियों के दो दलों के बीच खेला जाता है”
फुटबाल –
- फुटबॉल खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है और यह लगभग 90 मिनट तक चलता है। इस खेल को 45 मिनट के दो हाफ में बांटा जाता है। पहले हाफ के बाद 15 मिनट का ब्रेक लिया जाता है। मुकाबले की शुरुआत सेंटर पॉइंट के सेंटर सर्किल से होती है और दोनों में से एक टीम गेंद को किक मार कर इसकी शुरुआत करती है।
हॉकी –
- 11 खिलाड़ियों के दो विरोधी दलों के बीच मैदान में खेले जाने वाले इस खेल में प्रत्येक खिलाड़ी मारक बिंदु पर मुड़ी हुई एक छड़ी (स्टिक) का इस्तेमाल एक छोटी व कठोर गेंद को विरोधी दल के गोल में मारने के लिए करता है। बर्फ़ में खेले जाने वाले इसी तरह के एक खेल आईस हॉकी से भिन्नता दर्शाने के लिए इसे मैदानी हॉकी कहते हैं।
कबड्डी –
- कबड्डी दो टीम्स के बीच खेला जाता है इस खेल में आपको नियमित समय में विरोधी टीम के साथ आक्रमण और बचाव के दांव खेलते हुए उनके ज्यादा अंक हासिल करना होता है हमला करने वाली टीम अपने एक रैडर खिलाड़ी को विरोधी टीम के हिस्से में भेजती है जिसे सांस उखड़ने से पहले एक या ज्यादा खिलाड़ियों को छू कर अपने टीम में वापस आना होता है
शूटिंग –
- यह एक ऐसा खेल है जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की तैयारी की जरूरत होती है। सफलता के लिए एक स्थिर हाथ और फौलादी नसों की आवश्यकता होती है क्योंकि निशानेबाज तकनीकी उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते हैं। ओलंपिक निशानेबाज अक्सर प्रतिस्पर्धी निशानेबाजी के लिए आवश्यक उच्च मानकों को प्राप्त करने के लिए कई वर्षों के अभ्यास और प्रशिक्षण में लगाते हैं।
- हालांकि, निशानेबाजी एक ऐसा खेल है जो सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है, और यह असामान्य नहीं है कि कुशल किशोर स्थानीय टूर्नामेंट में अपने दादा-दादी के रूप में बुजुर्गों के रूप में लोगों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं।
वॉलीबॉल –
- वॉलीबॉल एक टीम गेम है जो गेंद और नेट के साथ खेला जाता है। नेट के दोनों ओर टीमें हैं। एक टीम गेंद को नेट लाइन के ऊपर से हिट करती है और दूसरी टीम के कोर्ट या क्षेत्र में, दूसरी टीम को गेंद को फिर से नेट पर हिट करना चाहिए और गेंद को फर्श से संपर्क किए बिना तीन कोशिशों के भीतर सीमा में करना चाहिए।
कुश्ती –
- कुश्ती एक लड़ाकू खेल है जिसमें ग्रैपलिंग-प्रकार की तकनीक शामिल है जैसे कि क्लिंच फाइटिंग, थ्रो और टेकडाउन, जॉइंट लॉक्स, पिन्स और अन्य ग्रैपलिंग होल्ड। खेल तो वास्तव में प्रतिस्पर्धी या खेल मनोरंजन भी हो सकता है। कुश्ती विभिन्न प्रकारों में आती है, जैसे कि लोक शैली, फ्रीस्टाइल, ग्रीको रोमन, कैच, सबमिशन, जूडो, सैम्बो और अन्य। कुश्ती का मुकाबला दो (कभी-कभी अधिक) प्रतियोगियों या विरल भागीदारों के बीच एक शारीरिक प्रतियोगिता है, जो एक बेहतर स्थिति हासिल करने और बनाए रखने का प्रयास करते हैं। पारंपरिक ऐतिहासिक और आधुनिक दोनों शैलियों के साथ अलग-अलग नियमों के साथ शैलियों की एक विस्तृत श्रृंखला है। कुश्ती तकनीकों को अन्य मार्शल आर्ट के साथ-साथ सैन्य हाथ से हाथ लड़ने वाली प्रणालियों में शामिल किया गया है।
- यह एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता हैं। इसके अन्तर्गत हर साल सर्वश्रेष्ठ 1000 खिलाड़ियों को चयनित किया जाता है अतः उन्हें आगे की प्रतियोगिता के लिये प्रशिक्षण दिया जाता हैं। इन खिलाड़ियों को सालाना 5 लाख रु . की छात्रवृत्ति भी दी जाती हैं। खेलों इण्डिया कार्यक्रम का उद्धघाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 31 जनवरी 2018 को नई दिल्ली के इंदिरा गाँधी स्टेडियम में किया गया था।
खेलों इंडिया कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ
- पहली प्रतियोगिता:- 31 जनवरी 8 फरवरी 2018 तक
- मुख्यालय:- नई दिल्ली
- उद्देश्य:- निचली सतह पर प्रतिभा की खोज
- चयन करने का मापदंड:- 17 साल से कम उम्र के खिलाड़ी
- 4 नामांकित खिलाड़ी:- खेल संस्थाओं द्वारा, CBSE गेम्स फेडरेशन द्वारा, मेजबान राज्य द्वारा, आयोजक समीति द्वारा।
- पहले खेलों इंडिया गेम्स में हरियाणा 102 मैडल्स ( 38 गोल्ड, 26 सिल्वर, 38 ब्रोज ) के साथ प्रथम स्थान पर रहा। द्वितीय स्थान पर महाराष्ट्र 111 जबकि मेजबान दिल्ली 94 मैडल्स के साथ तृतीय स्थान पर रहा।
- दूसरे खेलों इंडिया गेम्स में मेजबान महाराष्ट्र प्रथम स्थान पर, हरियाणा द्वितीय स्थान पर एवं दिल्ली तृतीय स्थान पर रहा।
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