आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (CH-4) Notes in Hindi || Class 11 Economics || Statistics for Economics Chapter 4 in Hindi ||

पाठ – 4

आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण

In this post we have given the detailed notes of class 11 Economics chapter 4 आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data) in Hindi. These notes are useful for the students who are going to appear in class 11 board exams.

इस पोस्ट में कक्षा 11 के अर्थशास्त्र के पाठ 4 आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 11 में है एवं अर्थशास्त्र विषय पढ़ रहे है।

BoardCBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectEconomics
Chapter no.Chapter 4
Chapter Nameआँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data)
CategoryClass 11 Economics Notes in Hindi
MediumHindi
Class 11 Economics Chapter 4 आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data) in Hindi

Chapter – 4 आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण

 

आँकड़ों के प्रस्तुतीकरण के प्रकार

  • पाठ्य या वर्णात्मक प्रस्तुतिकरण
  • सारणियन प्रस्तुतीकरण
  • चित्रमय प्रस्तुतीकरण

1. आँकड़ों का पाठ्य प्रस्तुतीकरण :

एक अच्छी सारणी के गुण या विशेषताएँ

  • सारणी का शीर्षक सबसे ऊपर एवं बीच में दिया जाना चाहिए |
  • जिन संख्याओं की तुलना की जानी है उन संख्याओं को एक दुसरे के पास वाले पंक्तियों या कॉलम में रखा जाना चाहिए |
  • सारणी का आदर्श आकार तय करने से पहले उनका एक रफ़ ड्राफ्ट बना लेना चाहिए |
  • यदि सामग्री उपलब्ध नहीं है तो इसे (n.a) या (-) अथवा किसी अन्य शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए |
  • शीर्षक में जहाँ तक संभव हो एक वचन का प्रयोग किया जाना चाहिए |
  • संक्षिप्त शब्द () का प्रयोग शीर्षक या उपशीर्षक में नहीं किया जाना चाहिए |
  • सारणी के आँकड़ों के प्रत्येक वर्ग के लिए उप-योग (sub-total) तथा सभी संयुक्त वर्गों के लिए कुल योग लिखा जाना चाहिए |
  • यदि द्वितीयक आँकड़े हो तो उनके स्रोत लिखे जाने चाहिए |
  • सारणी सरल एवं सुन्दर होने चाहिए ताकि सुगमता से समझ में आ सके |

सारणीयन में प्रयुक्त वर्गीकरण चार प्रकार के होते हैं

  • गुणात्मक वर्गीकरण
  • मात्रात्मक वर्गीकरण
  • कालिक वर्गीकरण
  • स्थानिक वर्गीकरण

गुणात्मक वर्गीकरण

  • गुणात्मक वर्गीकरण गुणात्मक वर्गीकरण से तात्पर्य एकत्रित किए गए आंकड़ों की गुणात्मक विशिष्टता के साथ वर्गीकृत करना गुणात्मक वर्गीकरण कहलाता है जैसे की सामाजिक स्थिति भौतिक स्थिति राष्ट्रीयता यह विशिष्ट गुण है लिंग एवं स्थान आदि भी गुण है किन गुणों के आधार पर किया गया वर्गीकरण गुणात्मक वर्गीकरण कहलाता है

मात्रात्मक वर्गीकरण

  • मात्रात्मक वर्गीकरण मात्रा तक मात्रात्मक वर्गीकरण मैं आंकड़ों का वर्गीकरण उनकी मात्रा उनकी संख्या के आधार पर किया जाता है अथार्त मात्रात्मक वर्गीकरण में आंकड़ों के गुणों का मात्रात्मक रूप से चित्रण किया जाता है मात्रात्मक वर्गीकरण कहलाता है विशेषताओं को दर्शाने के लिए सीमाएं निर्धारित कर के वर्गों का गठन किया जाता है जिन्हें वर्ग की माया कहते हैं मात्रात्मक वर्गीकरण में दिए गए आंकड़ों को इन वर्ग सीमाओं के अनुसार लिखना मात्रात्मक वर्गीकरण कहलाता है

कालिक वर्गीकरण

  • कालिक वर्गीकरण कालिख वर्गीकरण में वर्गीकरण का आधार समय होता है तथा आंकड़ों को समय के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है इस समय घंटो दिनों हफ्तों महीनों वर्षों इत्यादि में हो सकता है

स्थानिक वर्गीकरण

  • स्थानिक वर्गीकरण आंकड़ों का ऐसा वर्गीकरण जिसमें वर्गीकरण का आधार स्थान हो तो उसे स्थानिक वर्गीकरण कहते हैं यह स्थान कोई गांव कस्बा जिला राज्य देश इत्यादि हो सकते हैं

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